मोबाइल फोन पर ‘संचार साथी’ प्री-इंस्टॉल करने का मुद्दा एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया है। विपक्ष इसे नागरिकों की प्राइवेसी को ‘भंग’ करने के लिए सरकारी ताकत का ‘खुलेआम गलत इस्तेमाल’ कह रहा है। कुछ विपक्षी सांसदों ने ऐप के जरिए ‘जासूसी’ किए जाने की भी आशंका व्यक्त की है।
कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने ‘संचार साथी’ ऐप के विषय पर प्रतिक्रिया दी। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा, “वे हमारी प्राइवेट जिंदगी में घुसना चाहते हैं। फोन अब सिर्फ कॉल करने का टूल नहीं रहा। यह हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का रिकॉर्ड रखने वाला है। यह व्यक्तिगत आजादी के खिलाफ है और यह बहुत ही अलोकतांत्रिक है।”
कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने सवाल किया कि सरकार के सामने ऐसी कौन सी मंजूरी है कि ऐप को इंस्टॉल किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा का नाम लिया जा रहा है, लेकिन इन सेक्शन का नाजायज फायदा उठाया जाता है। हर चुनाव से पहले ईडी घर पर पहुंच जाती है। सरकार के पास इस तरह की जानकारी कहां से आती है?
संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को याद दिलाते हुए रेणुका चौधरी ने कहा, “संसद में दो लड़के कूदे थे और अजीब तरह का रंग उड़ाया। उस घटना में अब तक क्या हुआ? देशभर में बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिल रहे हैं। वे वहां तक कैसे पहुंच गए? क्या हमारा फोन सुनने से यह पता चल जाएगा?”
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि सरकार पूरा कंट्रोल चाह रही है। उन्होंने सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि क्या सरकार का अब यह काम रह गया है कि वे हर नागरिक की जिंदगी में झांके।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने संचार साथी ऐप को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “यह ऐप बिल्कुल भी साथी नहीं है। यह सिर्फ सरकार का साथी होगा। बहुमत में होने के बावजूद अल्पमत वाली असुरक्षा की भावना से सरकार घिरी है, तो ईश्वर आपका भला करे।
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सवाल किया कि सरकार इस ऐप का विज्ञापन क्यों कर रही है? संचार ऐप ‘फ्रॉड’ नहीं है, इस बारे में कौन जानकारी देगा? हर आदमी की अपनी व्यक्तिगत आजादी होती है। क्या सरकार उसे खत्म करना चाहती है? उन्होंने कहा, “सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इस ऐप के जरिए किसी व्यक्ति का डाटा नहीं देखेंगे।”
गुरजीत सिंह औजला ने यह भी दावा किया कि राजनीतिक व्यक्तियों को ट्रैक करने के लिए सरकार यह ऐप ला रही है। संचार ऐप होगी तो फोन का सारा डाटा उसके जरिए सरकार को चला जाएगा।


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