सोलन, 7 सितम्बर
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत 3 लाख से कम आबादी वाले श्रेणी 3 के राज्यों में परवाणू और काला अंब के औद्योगिक शहरों ने राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष दो रैंक में जगह बनाई है।
परवाणु ने 200 में से 193.6 अंक प्राप्त कर शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जबकि काला अम्ब मात्र .6 अंक से प्रथम स्थान से चूक गया और उसे 193 अंक प्राप्त हुए।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के दिशानिर्देशों के अनुसार 131 शहरों ने अपनी स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत की।
यह पुरस्कार आज भोपाल में राज्य को प्रदान किया गया, जिसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने प्राप्त किया।
प्रदीप मौदगिल, क्षेत्रीय अधिकारी, एसपीसीबी, परवाणू ने बताया कि एसपीसीबी और नगर परिषद द्वारा प्रमुख पहल की गई हैं, जैसे हॉट स्पॉट की पहचान करके खुले में कचरा फेंकने पर रोक लगाना, वृक्षारोपण अभियान और नागरिक निकाय द्वारा पेवर ब्लॉक और इंटरलॉक टाइलें बिछाकर सड़कों को कंक्रीट करना। सड़कों पर धूल कम करने में मदद मिली।
आईआईटी कानपुर द्वारा 8.50 वर्ग किमी में फैले परवाणू में एक स्रोत ऑपरेशन-आधारित अध्ययन किया गया था, जिसमें वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत के रूप में सड़क से निकलने वाली धूल की पहचान की गई थी।
वायु प्रदूषण पर निगरानी रखने के लिए दो स्थानों पर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित किए गए और इससे प्रदूषण के स्रोत की पहचान करने में मदद मिली। वायु प्रदूषण 29 प्रतिशत कम हुआ। पिछले साल इन रैंकिंग में परवाणू पांचवें स्थान पर रहा था।
हालांकि काला अंब में हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार दर्ज किया गया है, लेकिन यह औद्योगिक क्लस्टर अभी भी राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानदंडों में निर्धारित आदर्श वायु गुणवत्ता मानकों को प्राप्त करने से पीछे है, बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया।
अधिकारी ने कहा, “काला अंब में उत्सर्जन स्तर में काफी कमी आई है, जो बोर्ड द्वारा किए गए प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है।”