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पटना : लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी से निकाला, बिहार की राजनीति गरमाई

Patna: Lalu Yadav expels Tej Pratap from the party, Bihar politics heats up

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव ने शनिवार को अपने पुत्र और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस फैसले के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर जारी है।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकाले जाने पर कहा कि यह शुद्ध रूप से धोखा है, अनैतिकता है और लोगों को गुमराह करने के लिए यह फैसला लिया गया है। विधानसभा चुनाव के बाद तेज प्रताप पार्टी में भी रहेंगे और परिवार में भी रहेंगे।

उन्होंने कहा कि तेज प्रताप ने 12 वर्षों से एक रिलेशनशिप में रहने की बात स्वीकार की है, जबकि अभी तलाक भी नहीं हुआ है। राजद जानती है कि बिहार की जनता इसे सही अर्थों में नहीं लेगी, जो उनके लिए नुकसानदेह होगा, इसलिए यह निर्णय लिया गया। लालू यादव के फैसले से तय है कि तेज प्रताप का कोई सोशल मीडिया अकाउंट हैक नहीं हुआ था।

जदयू के प्रवक्ता मनीष यादव ने कहा कि पूरे मामले को देखें तो साफ है कि राजद नेता तेज प्रताप यादव सोशल मीडिया हैक करने की बात को लेकर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने लालू यादव से सवाल करते हुए कहा कि तेज प्रताप यादव ने जो कृत्य किया है, उसके लिए आप संपत्ति से बेदखल कब करेंगे, केवल पार्टी से निकालने से कुछ नहीं होगा। तेज प्रताप ने पूरे समाज को अपमानित किया है। आने वाले चुनाव में बिहार की बेटियां राजद को इसका जवाब देंगी।

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने कहा कि लालू यादव को अपने सम्मान की चिंता होनी स्वाभाविक है। आपने अपने मान-सम्मान की चिंता करते हुए बड़े बेटे तेज प्रताप पर एक्शन ले लिया। लेकिन, जब ऐश्वर्या राय के साथ आपके पूरे परिवार को खड़े होने की जरूरत थी, तब आप लोग खड़े नहीं हुए थे। ऐसा लगता है कि राजद की स्थापना काल के बाद से आज पहली बार आपको अपने परिवार और पार्टी में चाल-चरित्र-चेहरे की जरूरत महसूस हो रही है। लालू यादव अपने बड़े बेटे को पार्टी से निकालकर राजद की प्रतिष्ठा संभालने की कोशिश कर रहे हैं, तो साथ ही बेटे से दूरी बनाकर परिवार की प्रतिष्ठा बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

बिहार के मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि लालू यादव द्वारा जिस चीज के उदाहरण दिए गए हैं, वह तो उनके परिवार में पहले भी हुआ है। उनके परिवार में पहले भी सामाजिक चीजों की अवहेलना की गई है। कई चीजें ऐसी हुई हैं, जो समाज के लिए नागवार थीं। बड़ी बेटी की शादी में जिस तरह गाड़ियां उठाई गईं, वह भी तो एक खेल ही था। इससे पहले तेज प्रताप के छोटे भाई ने भी जो किया है, वह समाज ने देखा है।

उन्होंने कहा कि यह उनके परिवार का निजी फैसला है। वे स्वतंत्र हैं। तेज प्रताप का तांडव कोई अभी से नहीं, पहले से चल रहा था। सही वक्त पर निर्णय होना दिखाता है कि तेजस्वी यादव ने राजनीतिक रूप से अपने कद को सुरक्षित रखने के लिए यह फैसला करवाया है। तेज प्रताप की चुनाव को लेकर गतिविधि बढ़ रही थी, इस कारण बहाना बनाकर पार्टी के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। यह स्पष्ट रूप से परिवार के अंदर के द्वंद का फलाफल है।

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