पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के निर्देशों के तहत अबोहर स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के कृषि सलाहकार सेवा केंद्र के वैज्ञानिकों ने कल्लरखेड़ा, झुमियांवाली, खुब्बन, मोदीखेड़ा, टूटवाला, पंजावा, गिद्दड़ांवाली, भंगड़खेड़ा, अछड़िकी, दीवानखेड़ा, झोटियावाली, बकैनवाला, हरिपुरा और ताजा पट्टी गांवों का दौरा कर नरमा कपास की फसल का निरीक्षण किया। सर्वेक्षण करने के अलावा उन्होंने अछड़िकी और भंगड़खेड़ा में कपास उत्पादक किसानों को संबोधित भी किया।
सर्वेक्षण रिपोर्ट पर अमल करते हुए फसल वैज्ञानिक डॉ. मनप्रीत सिंह ने किसानों को उचित उर्वरक प्रबंधन सुनिश्चित करने की सलाह दी तथा लक्षण के अनुसार पोटेशियम नाइट्रेट और मैग्नीशियम सल्फेट का छिड़काव करने की सलाह दी।
जिला विस्तार विशेषज्ञ डॉ. जगदीश अरोड़ा ने कहा कि नरमा कपास की फसल अच्छी स्थिति में है, उन्होंने कहा कि गुलाबी कीट पर नियंत्रण है। उन्होंने किसानों को सतर्क रहने और गुलाबी कीट के जीवन चक्र को तोड़ने और कम करने के लिए केवल पीएयू द्वारा अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी।
एक अन्य वैज्ञानिक डॉ. अनिल सांगवान ने किसानों से अपील की कि वे अबोहर स्थित कृषि सलाहकार सेवा केंद्र तथा क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र से संपर्क करें ताकि नरमा कपास की खेती को बचाया जा सके।
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