राज्य सूचना आयोग में लम्बे समय से लंबित नियुक्तियों में अंततः प्रगति हो सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता वाली चयन समिति कल यहां बैठक करेगी, जिसमें मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) तथा सात सूचना आयुक्तों के लिए नामों की सिफारिश की जाएगी।
भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार के औपचारिक अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए, कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विपक्ष के नेता (एलओपी) भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बैठक में भाग लेने के लिए नामित किया है। समिति की सिफारिशों को अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता वाली और अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल और सुमिता मिश्रा की सदस्यता वाली एक सर्च कमेटी ने पहले ही सीआईसी के पद के लिए तीन-तीन और सूचना आयुक्तों के सात पदों के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट कर लिया है। 4 मार्च, 2025 को आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
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स्मरणीय है कि नये विपक्ष के नेता के चयन में कांग्रेस द्वारा साढ़े सात महीने से अधिक की देरी के कारण राज्य सूचना आयोग सहित कई प्रमुख वैधानिक नियुक्तियां रुकी हुई थीं।
देरी के मद्देनजर मुख्य सचिव ने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) के अध्यक्ष उदय भान को पत्र लिखकर पार्टी से अनुरोध किया था कि या तो विपक्ष के नेता का नाम घोषित किया जाए या चयन समिति में किसी वरिष्ठ विधायक को शामिल किया जाए। हुड्डा का नामांकन उसी पत्र का सीधा परिणाम है।
विपक्ष के नेता, एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के साथ, मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली चयन समिति में बैठते हैं, जो शीर्ष वैधानिक निकायों में नियुक्तियां करती है। वर्तमान में, राज्य सूचना आयोग में केवल तीन सूचना आयुक्त कार्यरत हैं तथा आयोग 7,000 से अधिक लंबित मामलों से जूझ रहा है।
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