पूर्व सिंचाई मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने रविवार को पंजाब के साथ चल रहे जल विवाद से निपटने को लेकर हरियाणा सरकार पर कटाक्ष किया और उस पर लापरवाही और राजनीतिक दोष मढ़ने का आरोप लगाया।
यादव ने रविवार को यहां जारी एक बयान में कहा, “‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’ कहावत हरियाणा सरकार पर बिल्कुल सटीक बैठती है। पिछले तीन सालों से सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में चीफ इंजीनियर की नियुक्ति नहीं की है। अगर हमारे प्रतिनिधि सीटों पर ही नहीं हैं, तो हरियाणा के पानी के हक के लिए कौन लड़ेगा?”
उन्होंने आगे कहा, “यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ का एक क्लासिक मामला है – हरियाणा सरकार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रहते हुए पंजाब पर दोष मढ़ रही है।”
हरियाणा को पानी की आपूर्ति में कमी पर प्रकाश डालते हुए यादव ने कहा, “जब मैं सिंचाई मंत्री था, तब हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी मिलता था। आज, यह घटकर 4,000 क्यूसेक रह गया है – जो कि मौजूदा सरकार की विफलता का सीधा नतीजा है। विडंबना यह है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री हरियाणा से हैं, फिर भी राज्य प्यासा है। हरियाणा सरकार के अलावा और किसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए?”
यादव ने आम आदमी पार्टी (आप) पर भी आरोप लगाया और दावा किया कि दिल्ली में पूर्ण शासन स्थापित करने में विफलता के कारण दिल्ली की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है।
उन्होंने केंद्र से बीबीएमबी के माध्यम से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया तथा सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो तो सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को तैनात किया जाए, ताकि हरियाणा को उसका उचित हिस्सा मिल सके।
उन्होंने अंत में मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा के जल अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण रिक्त तकनीकी पदों को तुरंत भरें
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