विश्व भर में 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा और देश भर में लोग योग करते दिखाई देंगे। इसी क्रम में गुरुवार को जम्मू के हर की पौड़ी पर योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 400 बच्चे और उनके माता-पिता ने शिरकत की। वहीं, पंजाब सरकार ने गुरुवार को जालंधर के पीएपी ग्राउंड में योग दिवस मनाया। इस दौरान वहां हजारों की संख्या में लोग योग करने पहुंचे।
भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा ने कहा, “जम्मू के हर की पौड़ी पर योग शिविर में 400 बच्चे और उनके माता-पिता ने भाग लिया। आज पूरा विश्व योग के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ चुका है।” उन्होंने कहा, “अगर हम अच्छे और स्वस्थ वातावरण में रहना चाहते हैं, तो हम सभी को एक साथ आकर योग को अपनाना होगा। मैं देश के सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे आगामी 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में सक्रिय रूप से भाग लें।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक डॉ. राघवेंद्र राव ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, योग तनाव कम करने, कार्य कुशलता बढ़ाने और हमारे शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में लाभकारी है। यह जरूरी है कि योग हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन जाए।”
वहीं, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह जालंधर के पीएपी ग्राउंड में योग दिवस में पहुंचे और योगासन किया। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि योग दिवस को लेकर पंजाब सरकार ने समागम करवाया है और पंजाब के सीएम ने इसकी शुरुआत की थी। योग से हमारा शरीर बीमारियों से दूर रहेगा, यह तन और मन की शांति के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग अपनी सेहत को लेकर योगासन किया करें, जिससे वे कई बीमारियों से सुरक्षित रह पाएंगे।
75 साल की बुजुर्ग महिला सुरेंदर कौर ने बताया कि वह 10 साल से योग कर रही हैं। इस उम्र में भी उनको कोई बीमारी नहीं है। वहीं एक अन्य योग करने वाली युवती ने कहा कि इस भागमभाग भरी जिंदगी में अपनी सेहत के लिए कुछ समय निकालना जरूरी है, योग से शरीर निरोगी रहता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को लेकर इस दौरान मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह लुधियाना उपचुनाव और अन्य कामों को लेकर नहीं आ पाए हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के कारण, 21 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मान्यता दी। अपने प्रस्ताव में, यूएनजीए ने माना कि “योग जीवन के सभी पहलुओं के बीच संतुलन बनाने के अलावा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।”
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