नई दिल्ली,30 सितंबर । दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री और मंत्री आज गली मोहल्लों में दिखे। आम लोगों की परेशानियों को हल कराने का दावा करते दिखे। इस बीच छतरपुर विधानसभा में नाला जाम होने से परेशान लोगों ने सीएम आतिशी से गुहार लगाई।
बरसों से यहां रह रहे नानक चंद्र ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि वो सुनते आए हैं कि इस इलाके में पहाड़ों से शुद्ध प्राकृतिक पानी बहता था। अब यहां नदी का नामोनिशान नहीं है, यह एक गंदा नाला बन गया है। यह इलाका कूड़े का ढेर बन गया है। गंदगी के कारण इस इलाके के लोग कितनी बीमारियों से ग्रसित हैं। यहां तक कि मरे हुए मवेशियों को भी इस नाले में फेंक दिया जाता है। यह सिर्फ कूड़े का ढेर बन गया है। पिछले 50 सालों से इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। एमसीडी कभी-कभार आती है और अपनी औपचारिकता पूरी करके चली जाती है। मैंने जितने भी पार्षद, विधायक और सांसद को जानता हूं- उन सभी से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कभी किसी की नहीं सुनी।
यहीं के रहने वाले ऋषि पाल ने कहा कि छतरपुर विधानसभा पिछले दस सालों से दयनीय स्थिति में जी रही है। पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी ने कई बार संसद में इस मुद्दे को उठाया है। लेकिन दिल्ली सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों ने एक भी बात नहीं सुनी और यहां कोई बदलाव नहीं किया गया।
लोगों का कहना है कि बजबजाती नालियों और कूड़े के ढेर से हमेशा बदबू आती रहती है। ऐसे ही एक शख्स यज्ञ नारायण ने कहा कि इस नाले की वजह से हमारा जीवन स्तर बहुत गिर गया है। इस नाले की वजह से हमारे बच्चे कभी घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं। नाले में कूड़े के ढेर की वजह से मच्छरों की भरमार है।
आरोप है कि लोग यहां मृत मवेशी छोड़ देते हैं जिससे दुर्गंध आती रहती है।
तमाम लोगों ने मुख्यमंत्री आतिशी से अनुरोध किया है कि इस समस्या पर गौर करें और इसका समाधान निकालें। इसके जीर्णोद्धार के लिए कोर्ट ने जो भी फंड जारी किया है, कृपया उसे जल्द से जल्द पूरा करवाने का कष्ट करें।