हालांकि राज्य में सरकार बनाने का जनादेश 8 अक्टूबर को पता चलेगा, लेकिन सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर अटकलें और मांगें सामने आने लगी हैं।
जिले के एनआईटी क्षेत्र से निवर्तमान कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा शायद उन उम्मीदवारों में से एक हैं जो इस बार चुनाव में पार्टी के सत्ता में आने की स्थिति में उपमुख्यमंत्री का पद पाने की आकांक्षा रखते हैं।
यह मामला चुनावी सभाओं के दौरान सामने आया, जिसमें शर्मा ने कहा कि अगर चीजें सुचारू रूप से चलीं तो वह उन उम्मीदवारों में से एक हो सकते हैं जिन्हें उपमुख्यमंत्री की कुर्सी मिल सकती है, क्योंकि पार्टी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि पार्टी के सत्ता में आने के बाद ब्राह्मण समुदाय से निर्वाचित विधायकों में से किसी एक को इस पद पर नियुक्त किए जाने की संभावना है।
शर्मा ने कहा कि हालांकि उन्होंने किसी सार्वजनिक मंच पर ऐसी कोई मांग नहीं की है, लेकिन उनके समर्थकों और स्थानीय निवासियों की अपेक्षाएं थीं जो चाहते थे कि वे उपमुख्यमंत्री बनें। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के सिपाही हैं, लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पार्टी हाईकमान तय करेगा कि उन्हें क्या भूमिका निभानी है।
इस बीच कल रात 60 फीट रोड पर एक बैठक को संबोधित करते हुए शर्मा ने दावा किया कि लोगों को बुनियादी नागरिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन सभी विकास कार्यों को फिर से शुरू करेगी जो अब तक शुरू नहीं हुए हैं।
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