फिरोजपुर, 4 जुलाई, 2025: प्रोग्रेसिव फेडरेशन फॉर द ब्लाइंड्स (पीएफबी) पंजाब इकाई ने राज्य में दृष्टिहीन व्यक्तियों के सामने आने वाले मुद्दों की सरकार द्वारा निरंतर अनदेखी पर चिंता व्यक्त की। मुख्यमंत्री भगवंत मान को सौंपे गए एक विस्तृत ज्ञापन में फेडरेशन के महासचिव अनिल गुप्ता ने रोजगार, शिक्षा, पदोन्नति और कल्याण योजनाओं में लगातार चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
ज्ञापन में कहा गया है कि 2021 के बाद से सरकारी नौकरियों में दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए कोई भर्ती अभियान नहीं चलाया गया है, कई विभाग विकलांग व्यक्तियों के अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम, 2016 के तहत अनिवार्य नौकरी आरक्षण के प्रति उदासीनता दिखा रहे हैं। उच्च शिक्षा और उपायुक्त कार्यालयों सहित कई विभागों में पदोन्नति के मामले कथित तौर पर एक दशक से अधिक समय से लंबित हैं।
फेडरेशन ने दृष्टिबाधित छात्रों के लिए कक्षा 10 से आगे सरकारी स्कूलों की कमी और लुधियाना में मौजूदा संस्थान की खराब स्थिति पर भी चिंता जताई। वजीफे में देरी, पुराने परिवहन भत्ते, कई विभागों द्वारा यूडीआईडी कार्ड स्वीकार न किए जाने और अंतर-विभागीय समन्वय की कमी से जुड़े मुद्दों का भी उल्लेख किया गया।
फेडरेशन ने आरक्षण के तहत समय पर पदोन्नति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों और केंद्र सरकार के निर्देशों की अनदेखी करने की ओर भी इशारा किया। गुप्ता ने कहा कि 2022 से लगातार अपील के बावजूद इन सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कोई बैठक नहीं हुई है।
तत्काल कार्रवाई का आह्वान करते हुए गुप्ता ने कहा, ‘यदि उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ तो फेडरेशन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन, रैलियां या भूख हड़ताल का सहारा ले सकता है।’ उन्होंने सरकार से इन लंबित मुद्दों को हल करने के लिए तत्काल चर्चा करने का आग्रह किया।