January 21, 2025
National

झारखंड में पीजीटी नियुक्ति भी विवादों में फंसी, 24 में से पांच सेंटरों से सफल हो गए 48 फीसदी कैंडिडेट्स

PGT appointment in Jharkhand also stuck in controversies, 48 ​​percent candidates were successful from five out of 24 centres.

रांची, 25 जून । झारखंड में एक और नियुक्ति परीक्षा विवादों में घिर गई है। स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के 3,120 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए 2023 में आयोजित परीक्षा में कुछ खास सेंटरों के परीक्षार्थी सबसे ज्यादा सफल घोषित किए गए हैं।

इसे बड़ी गड़बड़ी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग को लेकर कई परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट में रिट दायर कर रखी है, जिसकी अगली सुनवाई जुलाई के अंतिम हफ्ते में होनी है।

परीक्षार्थियों के एक समूह ने इस मुद्दे पर धरना-प्रदर्शन भी किया है। सीएम से लेकर झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को ज्ञापन सौंपे गए हैं। परीक्षा में गड़बड़ियों से जुड़े सवाल सोशल मीडिया पर भी उठाए जा रहे हैं। चुने गए कैंडिडेट्स में 481 ऐसे हैं, जिन्होंने बोकारो के एक ही सेंटर पर परीक्षा दी थी।

झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से यह परीक्षा सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड) मोड में ली गई थी और इसके लिए राज्य में कुल 24 सेंटर बनाए गए थे। इनमें से पांच सेंटरों से 1,500 कैंडिडेट्स सफल घोषित किए गए हैं, यानी कुल सफल कैंडिडेट्स में 48 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने इन सेंटरों पर परीक्षा दी थी। सबसे ज्यादा टॉपर्स भी इन्हीं सेंटरों से हैं।

सफल घोषित कैंडिडेट्स में 1,020 को सरकार ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही नियुक्ति पत्र दे दिया है। जबकि, शेष 2,100 को नियुक्ति पत्र देने के पहले उनके सर्टिफिकेट्स की जांच की प्रक्रिया चल रही है।

परीक्षा और रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले परीक्षार्थियों की मांग है कि नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर पूरे मामले की जांच कराई जाए। सबसे ज्यादा सवाल बोकारो के श्रेया डिजिटल सेंटर पर स्थित परीक्षा केंद्र से एक साथ 481 कैंडिडेट्स के उत्तीर्ण होने पर उठ रहे हैं। फिजिक्स में 25 टॉपरों में 10, ज्योग्राफी के 13 में से 8, बायोलॉजी के 11 में से 3 टॉपर इसी सेंटर के हैं। सफल परीक्षार्थियों में कई ऐसे हैं, जिनके रोल नंबर क्रमवार हैं।

इसी तरह रांची में शिवा इन्फोटेक, फ्यूचर ब्राइट एवं टिस्टा टेक्नोलॉजी और धनबाद में धनबाद डिजिटल सेंटर के परीक्षा केंद्रों से भी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी सफल हुए हैं। इस मामले में बीरेंद्र कुमार सिंह व अन्य की ओर से झारखंड हाइकोर्ट में जो याचिका दायर की गई है, उस पर पिछले दिनों सुनवाई करते हुए झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच ने जेएसएससी को निर्देश दिया है कि सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) के डिजिटल डाटा के साथ-साथ प्रश्न, उत्तर और रिस्पान्स-की को सुरक्षित रखा जाए।

अदालत ने मामले में राज्य सरकार व जेएसएससी को चार सप्ताह के अंदर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा था कि एक सेंटर श्रेया डिजिटल केंद्र, बोकारो से 481 अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया है, जिससे पता चलता है कि परीक्षा पहले से ही फिक्स थी।

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