January 31, 2025
National

मृत्यु के बाद मुक्ति के लिए पिंड दान जरूरी : आचार्य महेंद्र तिवारी

Pind Daan is necessary for salvation after death: Acharya Mahendra Tiwari

वाराणसी, 14 सितंबर । भगवान शिव की नगरी काशी में पितरों की मुक्ति व शांति के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग पिंड दान व पूजा कराने के लिए आते हैं। कई बार लोगों की संख्या इतनी ज्यादा हो जाती है कि उन्‍हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में इस बार वाराणसी में पिंड दान, पूजा से संबंधित क्रियाओं को करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था शुरू की जा रही है। इससे लोग अपने बुकिंग के हिसाब से यहां आकर अपने पितरों को पिंड दान कर सकते हैं।

बता दें कि 17 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहा है। वाराणसी के पिशाच मोचन कुंड पर त्रिपिंडी श्राद्ध करने के लिए दूर-दराज से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। 15 दिन तक चलने वाले श्राद्ध कर्म को लेकर पिशाच मोचन पर भारी भीड़ होती है। इस बार यहां ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी जा रही है।

महाराष्ट्र से वाराणसी पहुंचे आशीष शुक्ला ने कहा, यहां पितरों का पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितृ दोष नहीं होता है। घर में सुख शांति बनी रहती है।

आचार्य महेंद्र तिवारी ने कहा, यहां देश नहीं, विदेश से भी लोग आते है। हर लोग चाहते हैं कि आगे बढ़ें। आगे बढ़ने में हमारे पितरों का साथ होता है। यहां पर तीन घंटे की त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा कराई जाती है। मृत्यु के बाद यह पूजा होनी बेहद जरूरी है, इससे पितरों को मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा, मृत्यु के बाद पिंड दान की जरूरत होती है। बिना पिंडदान के मुक्ति संभव नहीं है।

पिशाच मोचन के पुरोहित नीरज ने कहा, पहले लोगों को पितृ दोष के बारे में जानकारी नहीं थी। अब घर-घर में पितृ दोष लग रहा है। देश-विदेश में हिंदू धर्म के लोग, जिनके घर में पितृ दोष लगा है, वह यहां आना चाहते हैं। इससे कई बार लोगों की संख्या इतनी हो जाती है कि सबकी पूजा नहीं हो पाती। हमने इस समस्या का समाधान निकाला है।

हमने ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी है और एक नंबर शेयर किया। इस नंबर पर संपर्क कर व्यक्ति अपनी बुकिंग करा सकता है। उन्होंने कहा कि यूं तो सैकड़ों कॉल आ रहे हैं, लेकिन 20 से 25 बुकिंग रोज हो रही है।

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