अयोध्या, 21 फरवरी । श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दो दिवसीय बैठक के दौरान आगामी रामनवमी मेले के लिए श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर चर्चा की गई। बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से यहां की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। खासकर पानी की आपूर्ति को लेकर विशेष चर्चा की गई। इसके लिए जन्मभूमि पथ पर पाइपलाइन बिछाने का निर्णय लिया गया। ट्रस्ट और इंजीनियरों संग इसका मुआयना भी किया गया है।
चंपत राय ने पत्रकारों से बताया कि रामनवमी के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्य को लगभग एक सप्ताह तक रोकने का निर्णय लिया गया है। 6 अप्रैल को रामनवमी है और 3 अप्रैल से श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि शुरू हो जाएगी। यह माना जा रहा है कि 7 अप्रैल तक अयोध्या में भीड़ कम हो जाएगी, जिससे निर्माण कार्य फिर से शुरू किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष गर्मियों में जन्मभूमि पथ से राम मंदिर तक श्रद्धालुओं के पैरों में जलन की समस्या आई थी। इसे ध्यान में रखते हुए स्थायी जर्मन हैंगर लगाने का कार्य प्रारंभ किया गया था। इस काम को पुणे की एक कंपनी और राजकीय निर्माण निगम द्वारा किया जा रहा था। लेकिन, भीड़ के कारण यह काम रुक गया था। अब इस कार्य को पूरा करने के लिए नई तैयारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर को रोजाना 2 घंटे लाइटों से जगमग करने की योजना बनाई जा रही है, जैसे राष्ट्रपति भवन शाम को रोशन होता है। मंदिर को ठंड में शाम 6 बजे से 10 बजे तक और गर्मियों में 7 बजे से 10 बजे तक रोशन किया जाएगा। इस योजना पर भी मंथन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस बार अयोध्या में जो श्रद्धालु आ रहे हैं, वह पहले के मुकाबले ज्यादा हैं। रोज करीब 4 से 5 लाख लोग राम जन्मभूमि के दर्शन करने आ रहे हैं, और अनुमान है कि कुल संख्या 7 लाख तक पहुंच सकती है। इससे यातायात में बहुत दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि हजारों बसें आ रही हैं और सड़कें भी भीड़ से भरी हैं। ऐसे में पुलिस को पूरी निगरानी करनी पड़ रही है, ताकि दुर्घटनाएं न हों। इस बार ट्रस्ट ने यात्रियों के लिए व्यवस्था की है कि उन्हें करीब 12 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ेगा। पूरे कस्बे को वन-वे बना दिया गया है, जिससे स्थानीय लोगों को अपने रोज के काम के लिए परेशानी हो रही है।
उन्होंने बताया कि हालांकि, फरवरी में श्रद्धालुओं की संख्या कुछ कम हो सकती है, लेकिन अप्रैल में राम नवमी के दौरान फिर से भारी भीड़ उमड़ सकती है। इस पर भी विचार किया गया कि उस समय पानी की आपूर्ति कैसे होगी, क्योंकि गर्मी के महीनों में पानी की भारी जरूरत पड़ेगी। इस पर काफी चर्चा की गई और इसका समाधान निकालने के लिए विशेषज्ञों ने सर्वे भी किया।