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प्लास्टिक सर्जनों ने जले हुए मरीजों के इलाज और कॉस्मेटिक सर्जरी में नई तकनीक पर चर्चा की

Plastic surgeons discuss new techniques in treating burn patients and cosmetic surgery

कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज (केसीजीएमसी) में उत्तर भारत के प्लास्टिक सर्जनों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें प्लास्टिक सर्जनों ने बर्न, कॉस्मेटिक सर्जरी, पुनर्निर्माण सर्जरी, कटे होंठ व तालु सर्जरी आदि के क्षेत्र में नई तकनीकों पर चर्चा की।

नॉर्थ इंडिया एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन्स के अध्यक्ष डॉ. राकेश जिंदल ने सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि सर्जनों ने प्लास्टिक सर्जरी में नई तकनीकों पर चर्चा करने पर ध्यान केंद्रित किया और कार्यक्रम के दौरान अपने पेशेवर अनुभव साझा किए।

सम्मेलन में कॉस्मेटिक सर्जरी और जले हुए मरीजों के इलाज में हुई प्रगति पर कई सत्र आयोजित किए गए। विशेषज्ञों ने जन्मजात बीमारियों जैसे कि कटे होंठ और तालू की विकृति के उपचार पर भी गहन चर्चा की।

एसोसिएशन के सचिव डॉ. प्रशांत त्यागी के साथ-साथ प्रतिष्ठित विभागाध्यक्षों, जिनमें पीजीआई-चंडीगढ़ के डॉ. अतुल पराशर, पीजीआई-रोहतक के डॉ. कुलदीप सिंह, ईएसआई मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद के डॉ. भूपेंद्र सिंह, डीएमसी, लुधियाना के डॉ. राजेंद्र मित्तल और सीएमसी, लुधियाना की डॉ. पिंकी शामिल थे, ने अपनी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता साझा की।

डॉ. रवि महाजन और डॉ. करुण अग्रवाल जैसे प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जनों ने भी अपने अनुभव उपस्थित लोगों के साथ साझा किए। केसीजीएमसी में सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. निवेश अग्रवाल ने कहा कि सम्मेलन ने पेशेवरों को प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में रोगियों की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों पर चर्चा करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया।

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