September 3, 2025
National

‘मां के निधन के बाद पीएम मोदी ने लिखी थी 17 पन्नों की चिट्ठी’, मनोज मुंतशिर ने शेयर किया भावनात्मक अनुभव

‘PM Modi wrote a 17-page letter after his mother’s death’, Manoj Muntashir shared his emotional experience

लोकप्रिय कवि और गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी मां के लिए लिखी गई चिट्ठी के भावनात्मक अनुभव को साझा किया है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने अपनी मां हीराबेन के निधन के बाद एक 17 पन्नों की चिट्ठी लिखी थी, जिसे पढ़कर मैं अपने आंसू नहीं रोक पाया।

मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबेन के निधन के बाद 17 पन्नों का एक पत्र लिखा था। हर पंक्ति में प्यार, कृतज्ञता और यादें थीं। मुझे इसे अपनी आवाज में रिकॉर्ड करने का मौका मिला। रिकॉर्डिंग के दौरान मैं अपने आंसुओं को रोक नहीं पाया। उस पत्र से पता चला कि हीराबा सिर्फ नरेंद्र मोदी की मां ही नहीं, बल्कि उनकी मार्गदर्शक, उनकी ताकत और जीवन की पहली शिक्षक थीं। मैंने सोचा था कि रिकॉर्डिंग में कुछ मिनट लगेंगे, लेकिन यह काफी लंबा खिंच गया। हर दो पंक्तियों के बाद रुकना पड़ता था। भावनाएं इतनी गहरी थीं कि मेरा गला रुंध जाता था। मां-बेटे के इस पवित्र रिश्ते का अपमान करना बहुत दुखद है।”

इस वीडियो में वह पीएम मोदी के अपनी मां के लिए लिखी चिट्ठी के बारे में बताते दिख रहे हैं।

मनोज बताते हैं कि हीराबेन के देहांत के बाद हम सबने देखा है कि अगर किसी की मां इस दुनिया से चली जाए तो इससे बड़ा नुकसान कुछ नहीं हो सकता है। दुनिया में हर चीज की भरपाई है, लेकिन इसकी कोई भरपाई नहीं। पीएम मोदी भी कोई अपवाद नहीं हैं। जैसे कोई बेटा पूरी तरीके से टूट जाता है, उसी तरह से प्रधानमंत्री भी टूटे, मगर उनके टूटने की सीमाएं हैं और उनके कंधे पर बहुत जिम्मेदारियां भी आईं। मुझे लगता है कि वह इतना टूटना वहन नहीं कर सकते हैं।

मनोज उस चिट्ठी का जिक्र भी करते हैं, जो पीएम मोदी ने अपनी मां के निधन के बाद लिखी थी। मनोज ने बताया कि मुझे याद है कि उनकी माताजी के देहांत के बाद किसी का फोन आया था और यह कहा गया कि एक चिट्ठी है, जो पीएम मोदी ने अपनी मां के लिए लिखी है। वह (प्रधानमंत्री) चाहते हैं कि मैं इसे अपनी आवाज में रिकॉर्ड करके भेजूं। मैंने इसके लिए हां कर दी, जब चिट्ठी मेरे पास आई तो इसकी रिकॉर्डिंग से पहले मेरे मन में यह था कि उन्होंने व्यक्तिगत भावनाएं लिखी होंगी, लेकिन उस 17 पन्ने की चिट्ठी को पढ़ रहा था तो रिकॉर्डिंग के दौरान मैं करीब 10 बार रोया। करीब 10 बार मेरा गला भर आया और आधे-आधे घंटे के लिए हमें अपनी रिकॉर्डिंग को होल्ड करना पड़ा, क्योंकि ये चिट्ठी इतनी भावनात्मक, मार्मिक और करुणा से भरी हुई थी, मैं इसकी लाइनों को जब-जब पढ़ रहा था तो मेरे गला भर आ रहा था।

उन्होंने कहा, “हीराबेन मेरी मां नहीं थी, लेकिन जितनी देर में मैं उस चिट्ठी को रिकॉर्ड कर रहा था, ऐसा लग रहा था कि मैंने अपनी मां खो दी है। उस चिट्ठी को बाद में एक वेबसाइट पर रिलीज भी किया गया था।”

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