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बिहार में कानून का राज कायम करने के लिए पुलिस सक्रिय, दोषी पुलिसकर्मियों पर भी हो रही कार्रवाई

Police active to maintain rule of law in Bihar, action is also being taken against guilty policemen: DGP Vinay Kumar

बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए बिहार पुलिस की रणनीतियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज कायम करने के लिए पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है और कानून के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।

कानून का राज स्थापित करने के लिए जो भी कार्रवाइयां हैं, उन सभी को हम प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कानून का पालन हो और जो कानून का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी और व्यापक कार्रवाई की जाएगी। हम लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि कोई भी कानून से ऊपर न हो, चाहे वह पुलिस अधिकारी हो या कोई सरकारी कर्मचारी। हाल में आपने देखा होगा कि जब पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई गलती या अपराध हुआ, तो उन्हें उसी तरह से सजा दी गई, जैसे किसी आम अपराधी को दी जाती है। जैसे कि मक्केर थाना अध्यक्ष, बग्घा में डीएसपी या उत्पाद थाने के इंस्पेक्टर के मामले में कार्रवाई की गई है और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। ऐसे मामलों में हम कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे अनुसंधान में जो लंबित मामले हैं, उन्हें समयबद्ध तरीके से हल किया जा रहा है। हमारे सभी वरिष्ठ अधिकारी, जैसे कि डीआईजी, एसपी, सिटी एसपी, डीएसपी सभी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हम पुलिस प्रतिष्ठानों का पूरी तरह से निरीक्षण कर रहे हैं, ताकि किसी प्रकार की त्रुटि या लापरवाही को दूर किया जा सके और पुलिस की कार्रवाई को और प्रभावी बनाया जा सके।

बिहार में एनकाउंटर की बढ़ती घटनाओं को लेकर सवाल किए जाने पर डीजीपी ने कहा कि यह कोई पूर्व निर्धारित नीति नहीं है। यह एक स्वाभाविक परिणाम है। जब पुलिस और अपराधी एक ही क्षेत्र में सक्रिय होते हैं, तो एनकाउंटर की संभावना बढ़ जाती है। पुलिस की गतिशीलता के कारण एनकाउंटर की घटनाएं बढ़ी हैं।

अनंत सिंह पर हुए मामले के बाद घटना में शामिल आरोपियों के सरेंडर करने को लेकर सवाल किए जाने पर डीजीपी ने कहा कि कानून के सामने सभी बराबर हैं। चाहे वह पुलिस का अधिकारी हो, कोई सरकारी कर्मचारी हो या सामान्य नागरिक, कानून सबके लिए समान है। यह ‘कानून के समक्ष समानता’ और ‘कानून का शासन’ का मूल सिद्धांत है, जिसे हमें अपनाना पड़ेगा। हम प्रभावी जांच और त्वरित जांच की प्रक्रिया सुनिश्चित कर रहे हैं। त्वरित मुकदमे की प्रक्रिया को भी हम प्रोत्साहित कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि अपराधियों द्वारा अर्जित संपत्तियों को जब्त करने के लिए हमने विशेष एसओपी तैयार किया है। सभी थाना क्षेत्रों को निर्देशित किया है कि वे अपराध से अर्जित संपत्तियों को चिन्हित करें और जब्त करें। इसके साथ ही, ट्रिपल ‘सी’ क्राइम, कम्युनलिज्म और करप्शन जैसे मुद्दों पर सरकार का स्पष्ट रुख है और हम भ्रष्टाचार के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करेंगे। आपने देखा कि कई बड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है और हम इसी तरह से भ्रष्टाचार पर प्रहार करेंगे। अपराधियों द्वारा अर्जित संपत्तियों को अटैच करने का भी प्रयास किया जाएगा और यदि किसी अपराधी के खिलाफ जांच के दौरान गिरफ्तारी की आवश्यकता होगी तो वे गिरफ्तार किए जाएंगे। यदि किसी क्षेत्र में अपराधियों की गतिविधियां बढ़ती हैं और पुलिस की सतर्कता बनी रहती है, तो मुठभेड़ की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता।

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