N1Live Uttar Pradesh कांग्रेस के विधानसभा घेराव ऐलान के बाद पुलिस ने चौकसी बढ़ाई, अजय राय ने कहा- हम पीछे नहीं हटेंगे
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कांग्रेस के विधानसभा घेराव ऐलान के बाद पुलिस ने चौकसी बढ़ाई, अजय राय ने कहा- हम पीछे नहीं हटेंगे

Police increased vigil after Congress announced assembly siege, Ajay Rai said - we will not back down

लखनऊ, 18 दिसंबर उत्तर प्रदेश कांग्रेस शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया है। प्रदर्शन की घोषणा को देखते हुए कांग्रेस नेताओं के घरों पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। साथ ही पहले से नोटिस भेजकर नेताओं को अलर्ट किया है।

लखनऊ में विधानसभा घेराव के लिए कांग्रेसी नेहरू भवन पहुंच गए हैं। एकजुट कांग्रेसी विधानसभा का घेराव करेंगे। उधर, पुलिस ने विधानसभा के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।

कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा घेराव को लेकर कमर कस ली है। उनका कहना है कि सरकार की जनविरोधी नीतियों और महंगाई जैसे मुद्दों पर आवाज उठाना उनका अधिकार है। वहीं, प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

प्रदर्शन के ऐलान के चलते सुरक्षा के इंतजामों को कड़ा किया गया है। सड़कों पर बैरिकेडिंग के लिए बल्लियां लगाई गई हैं। प्रमुख सुरक्षा इंतजाम में कांग्रेस दफ्तर के बाहर रात से ही भारी पुलिस बल तैनात है। कांग्रेस दफ्तर जाने वाले मार्गों पर नाकाबंदी कर दी गई है। जिला प्रशासन प्रदर्शन को लेकर खास सतर्कता बरत रहा है।

उधर पुलिस की ओर से भेजे नोटिस में कहा गया है कि विधानसभा का तृतीय सत्र चल रहा है। इसमें घेराव से कानून व्यवस्था व विशिष्ट लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए निषेधाज्ञा अन्तर्गत धारा-163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता प्रभावी है। ऐसे में कोई घेराव, धरना व शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जाता है तो आपके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी को देखते हुए विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया गया है। विभिन्न जिलों से हजारों कार्यकर्ता लखनऊ पहुंच चुके हैं। वे पुलिस प्रशासन के इस दमनकारी रवैये से पीछे नहीं हटेंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि कांग्रेस के 18 दिसंबर के विधानसभा घेराव से डरी डबल इंजन सरकार ने अपना अहंकारी तानाशाह चेहरा दिखाते हुए नोटिस भेजा है। क्या लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाना गुनाह है?

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