छत्तीसगढ़ में घुसपैठियों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ में बिना जानकारी के रह रहे या काम कर रहे लोगों के खिलाफ अब राजधानी रायपुर में भी पहचान शुरू कर दी गई है। रायपुर पुलिस आज सुबह 4 बजे लगभग 2 हजार संदिग्ध लोगों को बसों में पुलिस लाइन लाई, जहां पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है। एसएसपी रायपुर समेत पुलिस के आला अधिकारी भी पुलिस लाइन पहुंचे हैं, और संदेहियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है।
रायपुर पुलिस शहर के अलग-अलग थाना इलाकों में बिना मुसाफिरी दर्ज कराए रह रहे लोगों को उनके घरों से उठाकर पूछताछ के लिए लेकर आई है। जिनमें पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों के रहने वाले लोगों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। पुलिस आधार कार्ड मशीन से संदिग्धों के डेटा को मैच कर रही है।
रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान बताया कि सभी थाना क्षेत्रों से सूचनाएं मिल रही थी कि बाहरी लोग आकर रह रहे हैं। पुलिस को इसकी सूचना नहीं है। इसके बाद हमने एक अभियान शुरू किया। अभियान के तहत विभिन्न थाना क्षेत्रों से लगभग दो हजार से ज्यादा लोगों को यहां लाया गया है। इनके संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है कि ये कहां पर कम कर रहे हैं और किस प्रकार के कार्यों में यहां पर संलिप्त हैं। संबंधित राज्यों के थानों में इनकी जानकारियां भेजी जाएंगी ताकि ये पता लगाया जा सकता कि कोई अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोग यहां आकर छुपे हुए तो नहीं हैं। जांच के आधार पर जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार का आगे की वैधानिक करवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि यहां पर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान के लोग ज्यादा हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग भी हैं।
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