N1Live Haryana पुलिस का कहना है कि मालिक ने सुरक्षा और हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कार पर गोलीबारी करवाई थी
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पुलिस का कहना है कि मालिक ने सुरक्षा और हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कार पर गोलीबारी करवाई थी

Police say the owner had the car fired for security and to obtain weapons license

करनाल, 30 जून स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक टीम ने यहां गोलीबारी की एक घटना को सुलझाने का दावा किया है, जिसमें 23 जून को एक शिक्षा सलाहकार की कार पर गोलियां चलाई गई थीं। जानकारी के अनुसार, घटना के समय कार उनके कार्यालय के बाहर खड़ी थी।

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि घटना के बाद उसे एक करोड़ रुपये की फिरौती के लिए कॉल आया था।

शुक्रवार को पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें शिक्षा सलाहकार भी शामिल है, जिस पर पुलिस सुरक्षा और शस्त्र लाइसेंस पाने के लिए घटना की योजना बनाने का आरोप है। एसटीएफ ने कहा कि दो लोग अभी भी फरार हैं।

शनिवार को आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

करनाल एसटीएफ के प्रभारी इंस्पेक्टर दीपेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा सलाहकार अमनदीप ने अपने ऊपर हमला करने के लिए शामली से शूटरों को किराये पर लिया था और इसके लिए उन्हें अच्छी रकम देने का वादा किया था।

उन्होंने बताया कि एसटीएफ ने तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान रितिक कुमार उर्फ ​​लाला, मोहम्मद नजीम और विपुल कुमार के रूप में हुई है। एसटीएफ ने घटना में इस्तेमाल की गई गाड़ी और पिस्तौल भी बरामद कर ली है। इसके अलावा, उनके पास से छह जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं।

इंस्पेक्टर दीपेंद्र ने बताया, “23 जून को दो बदमाशों ने बस स्टैंड के पीछे अपने ऑफिस के बाहर खड़ी अमनदीप की कार पर पांच राउंड फायरिंग की थी। बाद में अमनदीप ने दावा किया कि उसे एक विदेशी नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया था और कॉल करने वाले ने खुद को गोल्डी बराड़ का छोटा भाई और लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह का सदस्य बताया था।”

उन्होंने बताया कि इसके बाद सिविल लाइन थाने में आईपीसी की धारा 285, 387, 427, 120(बी) और 34 तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25(6), 54 और 59 के तहत मामला दर्ज किया गया। घटना की जांच एसटीएफ को सौंपी गई।

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