कोलकाता, 15 अगस्त । कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों और छात्रों को क्लीन चिट देते हुए तोड़फोड़ के लिए विपक्षी पार्टियों माकपा और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह तोड़फोड़ प्रदर्शनकारी छात्रों और जूनियर डॉक्टरों का काम नहीं हो सकता। मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है। मैं उनका समर्थन करती हूं। मेरी शिकायत उन लोगों से है, जिन्होंने विरोध के नाम पर इस तरह की तोड़फोड़ की। कुछ राजनीतिक दल इस तरह का तनाव पैदा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से वामपंथियों और ‘राम’ के अनुयायियों का काम है। हमारे एक डिप्टी कमिश्नर गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका बहुत खून बह रहा था। सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो के जरिए तोड़फोड़ की घटना के बारे में गलत सूचना फैलाने की कोशिश की गई थी।
उन्होंने कहा कि ऐसे वीडियो की जांच करें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए चेहरों को सुपरइम्पोज़ करके फर्जी वीडियो बनाए जा रहे हैं और सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं। क्या यह अपराध नहीं है? मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि ऐसे फर्जी वीडियो पर भरोसा न करें।
इस बीच, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ऑडियो संदेश पोस्ट किया, जिसमें एक महिला डॉक्टर कथित तौर पर यह कहते हुए सुनी गई कि आरजी कर में मेडिकल छात्रों को योग्यता अंक प्राप्त करने के लिए संकाय के एक वर्ग को रिश्वत देनी पड़ती है।
ऑडियो संदेश में वह आरजी कर के भीतर एक सेक्स रैकेट और मादक पदार्थों के गठजोड़ के बारे में भी बात करती हुई सुनी गई। इस संदेश की प्रामाणिकता आईएएनएस नहीं करता है।
मालवीय ने अपने संदेश में कहा, “पश्चिम बंगाल में वायरल हो रहा यह ऑडियो क्लिप स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और विशेष रूप से आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की सड़न को उजागर करता है। यह सब ममता बनर्जी की निगरानी में हो रहा है, जो स्वास्थ्य मंत्री भी हैं।”