पटना, 15 मार्च । आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग 16 मार्च को तारीखों की घोषणा करने वाला है। इस चुनाव को लेकर अब प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश की नजर बिहार पर रहती है, क्योंकि संभावित सरकार के सियासी जोड़तोड़ में नफा-नुकसान यह प्रदेश तय करता रहा है।
आगामी लोकसभा चुनाव में भी बिहार की कुल 40 सीटों पर सभी दलों की नजर रहेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश में सभी सात चरणों में वोटिंग कराई गई थी, इस कारण इस बार भी माना जा रहा है कि प्रदेश में सभी चरणों में मतदान हो सकते हैं।
पिछले चुनाव में एनडीए ने 40 में से 39 सीटों पर जीत दर्ज कर जबरदस्त सफलता प्राप्त की थी। 2019 में भाजपा, जदयू और लोजपा गठबंधन के तहत चुनाव में उतरी थी। कांग्रेस के प्रत्याशी सिर्फ किशनगंज सीट पर जीत दर्ज कर सके थे। जबकि, राजद का खाता तक नहीं खुला था।
एनडीए आगामी लोकसभा चुनाव में 40 की 40 सीटों पर जीत दर्ज करने के लक्ष्य के साथ चुनावी मैदान में जाने को तैयार है। वहीं, विपक्षी गठबंधन ने जोरदार मुकाबला देने को लेकर अपनी टीम तैयार रखी है।
अभी तक एनडीए हो या विपक्षी दलों का गठबंधन, किसी ने सीट बंटवारे की घोषणा नहीं की है। हालांकि, सभी दल सीट बंटवारा जल्द हो जाने का दावा कर रहे हैं। भले ही अभी तक दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारा और प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हो सकी हो, लेकिन कई सीटों को लेकर लोगों में दिलचस्पी बनी हुई है।
बिहार में हाजीपुर सीट को लेकर लोजपा के दोनों गुटों के बीच पेंच फंसा हुआ है। इसी तरह बक्सर और बेगूसराय सीट पर भी लोगों की नजर बनी हुई है। पिछले चुनाव में बक्सर से भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे और बेगूसराय से गिरिराज सिंह विजयी हुए थे। इस चुनाव में सीमांचल में भी मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।
उजियारपुर सीट से एक बार फिर से नित्यानंद राय के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। हालांकि, कहा जा रहा है कि भाजपा इस चुनाव में कई पुराने चेहरों की जगह नए चेहरों को भी मैदान में उतार सकती है। राजद इस चुनाव को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है।
राजद सूत्रों का दावा है कि एनडीए की तरफ से जदयू के प्रत्याशी जिस क्षेत्र में होंगे, वहां से राजद अपना प्रत्याशी उतारेगी। एआईएमआईएम ने प्रदेश की 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। जबकि, बहुजन समाज पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है। ऐसे में साफ है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां चुनावी मैदान में जाने को तैयार हैं और मुकाबला दिलचस्प होगा। हालांकि, मुख्य मुकाबला दोनों गठबंधन के बीच ही माना जा रहा है।