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मध्य प्रदेश में कृष्ण जन्माष्टमी पर सियासत, सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस के आरोपों पर दिया जवाब

Politics on Krishna Janmashtami in Madhya Pradesh, CM Mohan Yadav responded to Congress's allegations

भोपाल, 23 अगस्त । मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों में कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के आदेश दिए हैं। मोहन सरकार के इस आदेश पर अब सियासत तेज हो चुकी है। सरकार के इस आदेश को कांग्रेस ने शिक्षा का धर्मांतरण बताया, तो प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उसका जवाब दिया।

सीएम मोहन यादव ने कहा कि भगवान कृष्ण ने 5 हजार साल पहले शिक्षा की महत्ता बताई थी। भगवान कृष्ण मथुरा से उज्जैन शिक्षा ग्रहण करने आए थे। इससे अच्छा सौभाग्यशाली समय कब रहेगा? गरीब-अमीर की दोस्ती का सबसे बड़ा उदाहरण नारायण धाम पर कृष्ण-सुदामा की दोस्ती है। भगवान कृष्ण की वीरता के प्रतीक के स्थान को सामने लाने में क्या गलत है?

उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के स्थानों को स्मरण नहीं करेंगे तो फिर मथुरा को क्यों स्मरण करते हैं? मथुरा में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाने पर कांग्रेस के लोग मथुरा जाना छोड़ देंगे? यह अश्रद्धा करना है, अटपटी बाते करना है।

छतरपुर मामले में इमरान प्रतापगढ़ी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर सीएम यादव ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए कानून अपना रास्ता बनाएगा। सरकार समाज के काम में मददगार रहती है और असामाजिक तत्वों से निपटने में सक्षम है।

मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को सभी डिविजनल कमिश्नर और जिला कलेक्टरों को एक आदेश जारी कर कहा था कि 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हर जिले स्थित कृष्ण मंदिरों की साफ-सफाई की जाए और वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इसके अलावा सभी सरकारी, गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज में कृष्ण की शिक्षा, मित्रता और जीवन दर्शन को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाए।

सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने ऐतराज जताते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान शिक्षा का केंद्र है और इसे केवल शिक्षा के लिए ही रहने देना चाहिए। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद करने के पीछे क्यों लगी हुई है। धार्मिक कार्यक्रम के दिन स्कूल कॉलेजों में छुट्टी होती है और सभी धर्म के लोग इस दिन को अपने तरीके से मनाते हैं। एक तरफ आप शिक्षण संस्थानों में जन्माष्टमी को अनिवार्य बताते हैं और दूसरे तरफ हमारे मदरसों पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा था, आखिर आप चाहते क्या हैं?

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