संगरूर जिले के निवासियों के लिए कूड़ा-कचरा का अनुचित निपटान तथा डंपिंग स्थलों पर बार-बार आग लगना एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं। वार मेमोरियल स्टेडियम और सिविल अस्पताल के बाहर सहित खुले क्षेत्रों में असंयोजित कचरे के ढेर देखे जा सकते हैं।
निवासियों ने दावा किया कि नगर निगम अधिकारियों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद नियमित रूप से कचरा नहीं उठाया जा रहा है, जिससे उन्हें दुर्गंध और धुएं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, निवासियों ने कचरा जलाने की कई घटनाओं की सूचना दी है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है और बुजुर्गों तथा सांस की समस्याओं से पीड़ित लोगों को साँस लेने में तकलीफ हो रही है। स्टेडियम के पास रहने वाली गुरप्रीत कौर ने कहा, “हर कुछ दिनों में कोई न कोई कचरे में आग लगा देता है और पूरा इलाका धुएँ से भर जाता है। खिड़कियाँ खुली रखना मुश्किल हो गया है।” उन्होंने आगे कहा, “हम इसकी शिकायत अधिकारियों से करते रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”
पर्यावरण कार्यकर्ता रोशन गर्ग ने कहा कि आग से कार्बन मोनोऑक्साइड और डाइऑक्सिन जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं, तथा सर्दियों के महीनों में स्थिति और खराब हो जाती है, जब स्थिर हवा के कारण धुआं जमीन के पास जमा हो जाता है।
हालाँकि, नगर परिषद के अधिकारियों का दावा है कि वे इस समस्या का समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं। एक पार्षद ने कहा, “हमें इस समस्या की जानकारी है और हमने सफाई कर्मचारियों को कचरा संग्रहण की आवृत्ति बढ़ाने का निर्देश दिया है। कचरा पृथक्करण और खाद बनाने की उचित व्यवस्था स्थापित करने की भी योजना बनाई जा रही है।”
नगर निगम अध्यक्ष भूपिंदर सिंह ने बताया कि घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा किया जा रहा है और डंपिंग स्थलों से भी कचरा उठाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ विक्रेता या दुकानदार शहर में कचरा जला देते हैं। इस समस्या का समाधान हो जाएगा क्योंकि हम कचरे के निपटान के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं।”
पूर्व मंत्री और संगरूर से पूर्व विधायक विजय इंदर सिंगला ने कहा कि यह बेहद दुखद स्थिति है। उन्होंने दावा किया कि घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करने या अलग-अलग करने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि डंपिंग स्थलों पर पड़ा कूड़ा बीमारियों का भी कारण बनता है।

