मुंबई, 29 जून महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को पोर्शे हिट-एंड-रन मामले में पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार का बचाव किया। उनका कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने मामले से निपटने में सक्रियता दिखाई है।
डिप्टी सीएम ने विधानसभा में घोषणा की कि अवैध और अनाधिकृत पबों, ओपन-टेरेस होटलों और बारों के संचालन के लिए पुणे में प्रचलित कथित रेट कार्ड की जांच की जाएगी।
देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना-यूबीटी विधायक सुनील प्रभु और विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, नाना पटोले और अन्य की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, “इस बात की भी जांच के आदेश दिए गए कि क्या पोर्शे कार मामले में आरटीओ अधिकारियों और नाबालिग लड़के के परिवार के बीच किसी तरह की कथित सांठगांठ थी?”
उन्होंने कहा कि पुणे पोर्शे मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। डॉक्टरों को ब्लड सैंपल रिपोर्ट बदलने के लिए गिरफ्तार किया गया है। कुछ पुलिसकर्मियों को अपराध दर्ज होने के बाद नाबालिग का मेडिकल टेस्ट कराने में देरी और भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) के तहत अपराध दर्ज करते समय वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं करने के लिए निलंबित किया गया है।
बाद में पुलिस आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुणे के 70 पबों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
डिप्टी सीएम ने विधानसभा को बताया कि पबों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि रात में उनके बंद होने का समय और पबों ने आने वाले ग्राहकों की उम्र की जांच की है या नहीं, इसका पता चल सके। ऐसा करने में विफल रहने पर पबों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
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