N1Live National संसद में गूंजा पश्चिम बंगाल-झारखंड के बीच का ‘आलू विवाद’, भाजपा सांसद ने केंद्र से हस्तक्षेप की लगाई गुहार
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संसद में गूंजा पश्चिम बंगाल-झारखंड के बीच का ‘आलू विवाद’, भाजपा सांसद ने केंद्र से हस्तक्षेप की लगाई गुहार

'Potato dispute' between West Bengal and Jharkhand echoed in Parliament, BJP MP appealed to the Center for intervention

रांची, 3 दिसंबर । पश्चिम बंगाल और झारखंड के बीच आलू के अंतरराज्यीय व्यापार को लेकर एक हफ्ते से जारी विवाद की गूंज संसद तक पहुंच गई है। हजारीबाग के भाजपा सांसद मनीष जायसवाल ने मंगलवार को लोकसभा में यह मसला उठाया।

उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार की ओर से झारखंड को आलू की आपूर्ति रोके जाने से गरीबों की परेशानी बढ़ रही है। यह उनके प्रमुख आहार में शामिल है, लेकिन आलू की आवक नहीं होने से इसकी कीमत में उछाल आया है। जायसवाल ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार ने झारखंड आ रहे आलू लदे हजारों ट्रकों को रोक दिया।

उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय व्यापार पर रोक नहीं लगाया जा सकता। केंद्र सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल की सरकार ने दूसरे राज्यों में आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। इसका सबसे अधिक असर झारखंड के बाजारों पर पड़ा है। झारखंड में पूरे साल आलू की जितनी खपत होती है, उसका 60 प्रतिशत हिस्सा बंगाल से आता है। पिछले एक हफ्ते में यहां आलू की कीमतों में पांच से दस रुपये तक का इजाफा हुआ है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने रविवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से इस मामले में फोन पर बात की थी। इसके बाद भी आलू की आपूर्ति पर रोक जारी है।

इस बीच सोमवार को यह मामला बंगाल की विधानसभा में भी उठा था, जिस पर वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो टूक कहा था कि सरकार को अंधेरे में रखकर यहां से आलू-प्याज दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है। इस वजह से राज्य में इसकी कीमतें बढ़ रही हैं।

उन्होंने कहा था कि हमारा राज्य आलू उत्पादन के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है। इसके बावजूद मुनाफाखोरों की वजह से हमारे ही राज्य के लोगों को आलू की ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है। यह नहीं होने दिया जाएगा। दूसरे राज्यों में आलू-प्याज भेजने से पहले बंगाल को प्राथमिकता देनी होगी।

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