कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने आज कहा कि ऊना जिला में 20 करोड़ रुपये की लागत से आलू प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जाएगी।
ऊना में हिमाचल दिवस समारोह के दौरान बोलते हुए मंत्री ने कहा, “ऊना में आलू की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। प्रसंस्करण संयंत्र किसानों को अपनी उपज बेहतर कीमतों पर बेचने में मदद करेगा।” उन्होंने कहा कि प्रस्तावित इकाई में फिंगर्स, चिप्स और ग्लूकोज सहित आलू से बने कई उत्पाद बनाए जाएंगे।
चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि किसानों की आय बढ़े और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि ऊना में 70 प्रतिशत से अधिक आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग प्राकृतिक रूप से उगाई गई गेहूं और मक्की की फसल को क्रमशः 60 रुपये और 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदेगा। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे फसलों पर रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग बंद करें ताकि उन्हें बाजार में बेहतर मूल्य मिल सके।
मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में गाय के दूध के लिए एमएसपी 45 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध के लिए 55 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पशुपालन करने वाले किसानों की आय बढ़ाने के लिए कांगड़ा जिले में 230 करोड़ रुपये की लागत से दूध प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा लोगों को दी गई 10 गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य और यहां के लोगों के हितों की अनदेखी कर रही है।