राज्य पर्यावरण निगरानी टास्क फोर्स (एसईएसटीएफ) ने बुधवार को बहादुरगढ़ उपमंडल के अंतर्गत कनोदा गांव क्षेत्र में औचक निरीक्षण के दौरान बिना अनुमति के चल रही आठ अवैध एल्युमीनियम अपशिष्ट पिघलने वाली इकाइयों का पता लगाया। टीम ने अवैध गतिविधि के लिए इस्तेमाल की जा रही भट्टियों को तुरंत नष्ट कर दिया तथा उनकी बिजली आपूर्ति काट दी।
अधिकारियों ने बताया कि ये इकाइयाँ नियमों का उल्लंघन करके एल्युमीनियम स्क्रैप पिघलाने में लगी हुई थीं, जिससे आसपास के क्षेत्र में वायु और पर्यावरण प्रदूषण हो रहा था। इसके अलावा, एक प्लास्टिक कचरा निर्माण इकाई भी बिना आवश्यक अनुमति के चल रही पाई गई।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा ने बताया, “इन इकाइयों के खिलाफ बंदी की कार्रवाई शुरू की जा रही है। झज्जर जिले में गठित एसईएसटीएफ में विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी शामिल हैं। यह नियमित रूप से औचक निरीक्षण करता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि औद्योगिक इकाइयाँ नियमों और पर्यावरणीय नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं।”
उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय मानदंडों का उल्लंघन करके संचालित सभी अवैध अपशिष्ट प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण इकाइयों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण अभियान का उद्देश्य अनियमित औद्योगिक गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाना और क्षेत्र में पर्यावरणीय सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना है।
अरोड़ा ने बताया कि इससे पहले, एसईएसटीएफ ने मुंगेशपुर नाले के किनारे तीन अवैध प्लास्टिक अपशिष्ट धुलाई और प्लास्टिक अपशिष्ट जलाने वाली इकाइयां पाई थीं और उनके खिलाफ कार्रवाई की थी।
अधिकारियों ने निवासियों से ऐसी किसी भी अवैध इकाई की सूचना देने का आग्रह किया है ताकि जन स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सके। जिले में अवैध प्लास्टिक इकाइयों से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए, उपायुक्त स्वप्निल रवींद्र पाटिल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी कर ऐसी सभी इकाइयों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
ये आदेश विशेष रूप से परनाला, निज़ामपुर रोड, बामडौली, कानोंदा, खैरपुर, लडरावन, सिद्धिपुर, लोवा कलां और लोवा खुर्द क्षेत्रों में लागू होंगे। आदेशों के अनुसार, इन क्षेत्रों में आवासीय और कृषि भूमि पर प्लास्टिक औद्योगिक गतिविधियों के अवैध संचालन और प्लास्टिक जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अवैध रूप से प्राप्त बिजली कनेक्शनों से संचालित ऐसी फैक्ट्रियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा। इन आदेशों का उल्लंघन करने पर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये प्रतिबंधात्मक आदेश 10 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे।


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