भाजपा द्वारा गठित एक जांच समिति ने आज मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र का दौरा किया और लकड़ी की अवैध कटाई की रिपोर्ट की जांच की। यह मामला मीडिया में काफी चर्चित रहा है। भाजपा विधायक सतपाल सत्ती और सदस्यों सुखराम चौधरी तथा बलबीर वर्मा के नेतृत्व में समिति ने स्थिति का आकलन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया।
धरमपुर में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए विधायक सत्ती ने कहा कि समिति ने धरमपुर उपमंडल में विभिन्न स्थानों का दौरा किया, जहाँ उन्हें अवैध रूप से ढेर करके रखी गई लकड़ी मिली, जिसमें बरगद, पीपल और अन्य प्रतिबंधित पेड़ प्रजातियाँ शामिल थीं। उन्हें बहरी गाँव में एक डिपो मिला, जहाँ प्रतिबंधित लकड़ियाँ रखी जा रही थीं, लेकिन मालिक की पहचान नहीं हो सकी और कोई परमिट भी नहीं दिखाया गया। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों के अनुसार, लकड़ी का संबंध कांगड़ा के एक व्यक्ति से था, हालाँकि कोई आधिकारिक रिकॉर्ड या परमिट उपलब्ध नहीं था।
सत्ती ने आरोप लगाया कि शक्तिशाली लोग लकड़ी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सबूत छिपाने के लिए लकड़ी को जमीन के नीचे दबाने के लिए जेसीबी समेत भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अवैध गतिविधियों के दौरान पता लगाने से रोकने के लिए रात में इलाके की बिजली काट दी गई थी।
उन्होंने दावा किया कि समिति को ब्यास नदी के किनारे बड़ी मात्रा में लकड़ी छिपी हुई मिली। उन्होंने कहा कि लकड़ी काटने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, क्योंकि कोई आधिकारिक परमिट या प्रक्रिया मौजूद नहीं थी।