N1Live Uttar Pradesh संभल में नए कूपों के मिलने को प्रमोद कृष्णम ने चमत्कार बताया
Uttar Pradesh

संभल में नए कूपों के मिलने को प्रमोद कृष्णम ने चमत्कार बताया

Pramod Krishnam called the discovery of new wells in Sambhal a miracle.

गाजियाबाद, 27 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के संभल में मिल रहे नए कूपों को लेकर पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भगवान के अवतार से पहले ऐसे चमत्कार होते हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “एक प्रामाणिक और ऐतिहासिक भगवान श्री कल्कि का अवतार संभल में होगा। जब अवतार होता है तो ऐसे चमत्कार भी होते हैं। नए-नए कूप और बावड़ी मिल रही हैं। अभी जितनी खुदाई होगी, ऐसी चीजें और मिलेंगी। भगवान के आने से पहले उनके इशारे को समझने की जरूरत है। इस चमत्कार को वो अंधे नहीं समझ पा रहे हैं, जिन्होंने अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी है। पूरी दुनिया भगवान की प्रतीक्षा में है। जब से संभल में पीएम मोदी के कदम पड़े हैं और कल्कि धाम का शिलान्यास हुआ है, पूरी दुनिया संभल-संभल बोल रही है।”

प्रमोद कृष्णम ने कहा, “नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना भारत के लिए शुभ है। भारत ने पूरी दुनिया में अपनी धाक पैदा की है। उन्होंने कल्कि धाम शिलान्यास किया किया तो जो सदियों बाद अवतार होना था और अब ऐसा लगने लगा है कि अब अवतार जल्दी होगा। ऐसे में संभल की धरती के लिए पीएम मोदी के चरण भी शुभ संकेत हैं। भगवान के राज और रहस्य धरती के अंदर जो दबे हुए थे, वे अब धीरे-धीरे उजागर हो रहे हैं।”

‘इंडिया’ ब्लॉक के प्रमुख घटक दल कांग्रेस और आप के दिल्ली विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ने को लेकर उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी को नेता मानते होंगे, यह बात मुझे कभी भी हजम नहीं होगी। केजरीवाल जमीन से जुड़े नेता हैं, जबकि राहुल गांधी को राजनीति विरासत में मिली है। केजरीवाल एक लीडर हैं और राहुल गांधी एक रीडर हैं। दोनों का साथ कृत्रिम था, जिसका तलाक होना था।”

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पहले लगे पोस्टरों में भारत के गलत नक्शे पर प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो राहुल गांधी को सलाह देते हैं, वे भारत को भारत नहीं मानते हैं। हम पाकिस्तान को भारत का हिस्सा मानते हैं, जबकि वे भारत को पाकिस्तान हिस्सा मानते हैं।”

एनसीपी नेता सुप्रिया सुले के ईवीएम को लेकर दिए गए बयान का प्रमोद कृष्णम ने स्वागत करते हुए कहा, “ईवीएम पर सवाल उठाने वाले नेताओं को तब तक सवाल उठाने का अधिकार नहीं है, जब तक वे संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दे देते।”

Exit mobile version