नेशनल हेराल्ड मामले में एक और एफआईआर दर्ज होने पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हैं। इस बीच भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने सोमवार को कहा कि लोग कितने भी बड़े क्यों न हों, कानून के लंबे हाथ उन तक पहुंचेंगे।
नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर एफआईआर होने पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “यह एक ऐसा केस है जिसमें साफ दिखता है कि कैसे कांग्रेस ने घोटाला करके स्वतंत्रता सेनानियों के कमाए पैसों को भी नहीं छोड़ा। जिस समय नेशनल हेराल्ड अखबार चलता था, उस समय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने पेट से काटकर इस अखबार को शुरू किया था।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सिर्फ पांच लाख रुपए में यंग इंडिया के द्वारा शेयर को खरीद लिया। उस समय नेशनल हेराल्ड की जितनी संपत्ति थी, उसकी कीमत 5,000 करोड़ बताई जाती है। यंग इंडिया के जितने ट्रस्टी थे, वे सभी गांधी परिवार के सदस्य या उनके ही लोग थे। अब कानून अपना शिकंजा कस रहा है। इस केस में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, अदालत को इस पर निर्णय लेना है। दूसरा एफआईआर यह दिखा रहा है कि लोग कितने भी बड़े क्यों न हों, कानून के लंबे हाथ उन तक पहुंचेंगे।”
भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने आईएएनएस से बात करते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य के जातीय आरक्षण खत्म होने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “भाजपा का स्पष्ट मानना है कि देश में जो आरक्षण व्यवस्था लागू है, जिसमें एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को सुरक्षा प्रदान की गई है, वह बरकरार रहेगी। सदियों तक पिछड़ा समुदाय सताया हुआ समुदाय था, जिन्हें सामाजिक न्याय देने और बराबर का दर्जा देने के लिए सरकार को जो उपाय करने चाहिए, वह उपाय कर रही है। किसी व्यक्ति विशेष की टिप्पणी पर कुछ नहीं कहना। सरकार का मानना है कि जो आरक्षण व्यवस्था है, वह चलती रहेगी। पिछड़ों, एससी-एसटी और ईडब्ल्यूएस समुदाय के आरक्षण को और मजबूत किया जाएगा।”
कांग्रेस नेता शशि थरूर के हालिया बयान पर प्रतुल शाह देव ने कहा, “शशि थरूर कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में हैं, जिनकी सच बोलने की हिम्मत होती है। जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हैं, तो कांग्रेस को दुख होता है। कांग्रेस यह भूल जाती है कि नरेंद्र मोदी भाजपा के नेता होने के साथ देश के प्रधानमंत्री भी हैं। शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर पूरी दुनिया में भारत का बहुत ही मजबूती से पक्ष रखा था। इस पर भी कांग्रेस को बुरा लगा था। यह पार्टी की छोटी सोच दिखाता है। जब देश में संकट होता है, उस समय पक्ष और विपक्ष को एक भाषा में बोलना चाहिए। राहुल गांधी जब विदेशों में जाकर देशविरोधी बातें बोलते हैं, यह अक्षम्य है।”


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