कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा संविधान में निहित है।
कुलपति ने ‘हमारा संविधान-हमारा सम्मान’ अभियान के तहत अधिकारियों व कर्मचारियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई और कहा कि भारतीय संविधान ने प्रत्येक नागरिक को समानता, स्वतंत्रता व न्याय का अधिकार दिया है, जो समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने का आधार बना।
प्रोफेसर सचदेवा ने कहा कि संविधान में वर्णित मौलिक अधिकार, जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शिक्षा का अधिकार, नागरिकों को अपनी क्षमताओं का विवेकपूर्ण उपयोग करने में सक्षम बनाते हैं। संविधान के समाजवादी दृष्टिकोण ने सुनिश्चित किया कि देश की प्रगति का लाभ सभी वर्गों तक पहुंचे। संविधान ने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और समावेशी राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया, जिसने धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के बावजूद देश में सामाजिक सद्भाव बनाए रखा। साथ ही, महिला सशक्तिकरण और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए संविधान में बनाई गई नीतियों और अधिकारों ने सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित की।
इस अवसर पर प्रोफेसर सुनील ढींगरा, प्रोफेसर अनीता भटनागर, प्रोफेसर एनके माटा, प्रोफेसर हरि सिंह, वीसी के ओएसडी पवन रोहिला, सहायक रजिस्ट्रार विनोद वर्मा सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।