राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को ओडिशा के कटक में आदिकवि सरला दास की जयंती समारोह में हिस्सा लिया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को कलिंग रत्न पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आदिकवि सरला दास को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आदिकवि सरला दास ने ‘ओड़िया महाभारत’ की रचना करके भारतीय साहित्य को समृद्ध किया है।
उन्होंने महान कवि सरला दास की जयंती मनाने और विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए ‘सरला साहित्य संसद’ की सराहना की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी विविधता इंद्रधनुष की तरह है। हमारी एकता सदियों से बहुत मजबूत रही है। हमारी भाषाएं अनेक हैं, लेकिन भावना एक है। दुनिया इस बात से चकित है कि इतनी सारी भाषाओं और इतने सारे धर्मों के बावजूद भारत कैसे एकजुट और एकीकृत बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय भाषाओं ने भारतीय शिक्षा परंपरा को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह प्रसन्नता की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया गया है। मातृभाषा में शिक्षा बच्चों को अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़ने में मदद कर सकती है। हमें अपनी मातृभाषा के अलावा अन्य भाषाएं भी सीखनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने धर्मेंद्र प्रधान को कलिंग रत्न पुरस्कार मिलने पर बधाई दी। साथ ही उन्होंने साहित्यिक पुरस्कार ‘सरला सम्मान’ प्राप्त करने वाले बिजया नायक को भी बधाई दी।