पटना, 18 अक्टूबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में बिहार के चतुर्थ कृषि रोड मैप का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रदेश में चतुर्थ कृषि रोड मैप की शुरुआत हुई है। बिहार को विकसित राज्य बनाने के लिए समेकित विकास के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बिहार को हर सेक्टर में विकास का रोड मैप बनाकर काम करना होगा। मानव निर्मित संकीर्णता से बाहर आकर समेकित विकास की जरूरत है। राज्य के नीति निर्धारक लोगों को विकास के रोड मैप के लिए पहल करनी होगी और उस पर चलना होगा।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन को एक वैश्विक समस्या बताते हुए कहा कि बिहार की पहचान नदियों और तालाबों के लिए होती है, लेकिन इस साल यहां भी कम बारिश हुई है।
उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि बिहार के किसानों ने आधुनिकता के साथ साथ पारंपरिक खेती को भी जिंदा रखा है। कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। मैं भी यहां की खेती के तरीके को एक बार देखना चाहती हूं, कैसे यहां पर लोग खेती करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति के पद से हटने पर मैं गांव जाना चाहती हूं और वहां पर खेती ही करूंगी। इससे पहले तीन दिवसीय दौरे पर पटना हवाई अड्डा पहुंचने पर उनका स्वागत राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी समेत कई मंत्री एवं वरीय पदाधिकारियों ने किया।
इसके बाद राष्ट्रपति बापू सभागार पहुंची, जहां उन्होंने तय कार्यक्रम के अनुसार चतुर्थ कृषि रोडमैप 2023-28 का लोकार्पण किया। राष्ट्रपति शाम को पटना साहिब तख्त श्रीहरमंदिर में मत्था टेकने भी जाएंगी। राष्ट्रपति के आगमन पर राजभवन में रात्रि भोज का आयोजन किया गया है। राष्ट्रपति राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगी।
19 अक्टूबर को राष्ट्रपति मोतिहारी जाएंगी, जहां महात्मा गांधी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी। इसी दिन शाम को पटना एम्स के दीक्षांत समारोह में भी हिस्सा लेंगी।
20 अक्टूबर को वे पटना से गया जाएंगी, जहां दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी। इसके बाद गया से ही दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।
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