नई दिल्ली, 31 दिसंबर । दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यदि आप विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर सत्ता में वापसी करती है तो दिल्ली के मंदिरों में पूजा करने वाले पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपये की मासिक सम्मान राशि दी जाएगी।
दिल्ली के चांदनी चौक स्थित नृसिंह मंदिर के मुख्य पुजारी महंत गौरव शर्मा ने कहा कि यह सब चुनावी घोषणाएं हैं और कुछ नहीं। यह सिर्फ लोगों को पागल बनाने के लिए है क्योंकि वह देख रहे हैं कि हिंदू अब जाग चुका है। इनकी बातों में अब कोई नहीं आने वाला है। वह नई-नई स्कीम लेकर हिंदुओं को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सबको मालूम है कि ऐसा कुछ होने वाला नहीं है।
महंत गौरव ने कहा कि सभी पुजारी और महंत पहले से ही भाजपा से जुड़े हुए हैं और यह योजना चुनावी तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा है। केजरीवाल ने हमेशा मुस्लिम समुदाय के मौलवियों को लाभ दिया है, लेकिन कभी पुजारियों की ओर उनका ध्यान नहीं गया। अगर कभी कोई मंदिर में गए भी तो चुनावी राजनीति के तहत, जैसे कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में गए थे। हनुमान जी को भी यह मालूम है कि उनका काम पड़ने पर ही यहां आते हैं, वरना पूजा में उनका ध्यान नहीं रहता। यह सब तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा है।
कालकाजी मंदिर के पुरोहित सुनील सन्नी ने इस योजना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह योजना पुजारियों और ग्रंथियों के लिए एक अच्छी घोषणा है। अगर सरकार इस योजना को पूरी तरह से लागू करने में सफल होती है तो यह एक अच्छा कदम होगा। कालका माता सबकी मनोकामना पूरी करती है, अब देखते हैं अरविंद केजरीवाल इस योजना को कैसे लागू करते हैं।
कालकाजी मंदिर के एक अन्य पुरोहित पवन भारद्वाज ने कहा कि घोषणा तो अच्छी है, लेकिन सवाल यह है कि यह पैसा मिलेगा या नहीं। जब तक केजरीवाल पैसे देना शुरू नहीं करेंगे, तब तक इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
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