प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केन्द्र सरकार की अमृत भारत योजना के तहत 7 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्निर्मित कांगड़ा जिले में बैजनाथ-पपरोला रेलवे स्टेशन का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने पिछले साल वर्चुअल माध्यम से इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस अवसर पर कांगड़ा के सांसद राजीव भारद्वाज और राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी के अलावा बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल भी मौजूद थे।
बैजनाथ-पपरोला रेलवे स्टेशन जम्मू संभाग में आता है और यह देश के उन 554 रेलवे स्टेशनों में शामिल है, जिनका कायाकल्प किया गया है। इसमें प्लेटफॉर्म, ओवर-ब्रिज, पार्किंग स्थल, बेहतर यात्री सुविधाएं और पुराने स्टेशन भवनों का निर्माण शामिल है। नवीनीकरण का काम रिकॉर्ड डेढ़ साल में पूरा किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिन रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया है, उन्हें विश्वस्तरीय मानकों के अनुसार विकसित किया गया है। बैजनाथ-पपरोला स्टेशन से कांगड़ा घाटी में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा, जिससे बैजनाथ के प्राचीन शिव मंदिर और जिले के अन्य तीर्थस्थलों पर अधिक पर्यटक आएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से देश में रेलवे स्टेशनों के विकास और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया है।
भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस समय 15 हजार करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाओं पर काम चल रहा है, ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बैजनाथ-पपरोला रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप रेलवे स्टेशन के निर्माण से शिवभूमि बैजनाथ में पर्यटकों की आमद बढ़ने से यहां के लोगों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने रेलवे परियोजनाओं के लिए 2009-2014 के दौरान यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान औसत वार्षिक आवंटन 108 करोड़ रुपये से 25 गुना अधिक धनराशि दी है।
इंदु गोस्वामी ने कहा कि एनडीए सरकार के दौरान राज्य में 60 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। इसके अलावा, नई दिल्ली और ऊना जिले के अंब के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है, जिससे निवासियों को तेज, आसान और सुविधाजनक यात्रा मिल रही है। ऊना जिले में अंब-अंदौरा रेलवे स्टेशन का भी विकास किया गया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में रेलवे के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को नई गति देना है।