प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार के मोकामा में राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर 8.15 किलोमीटर लंबी औंटा-सिमरिया पुल परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
इस परियोजना में गंगा नदी पर 1.86 किलोमीटर लंबा छह लेन का आधुनिक पुल शामिल है, जिसका निर्माण 1,870 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह पुल मोकामा (पटना) और बेगूसराय को सीधे जोड़ेगा, जिससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन आसान हो जाएगा।
यह नया पुल पुराने और जर्जर दो लेन वाले राजेंद्र सेतु (रेल-सह-सड़क पुल) के समानांतर बनाया गया है। राजेंद्र सेतु की खराब स्थिति के कारण भारी वाहनों को लंबा रास्ता अपनाना पड़ता था, जिससे समय और ईंधन की बर्बादी होती थी।
नया छह लेन का पुल भारी वाहनों के लिए 100 किलोमीटर से अधिक की अतिरिक्त यात्रा दूरी को कम करेगा। इससे बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, पूर्णिया, अररिया जैसे उत्तर बिहार के क्षेत्रों और शेखपुरा, नवादा, लखीसराय जैसे दक्षिण बिहार के क्षेत्रों के बीच संपर्क बेहतर होगा।
साथ ही, वैकल्पिक मार्गों पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी। इसमें गंगा नदी पर 1.86 किमी लंबा छह लेन का पुल शामिल है, जिसकी लागत 1,870 करोड़ रुपये है। यह पुल मोकामा और बेगूसराय को जोड़ेगा, भारी वाहनों की 100 किमी अतिरिक्त यात्रा कम करेगा और उत्तर-दक्षिण बिहार के बीच संपर्क व आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
यह पुल बिहार के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उत्तर बिहार के उद्योग और व्यवसाय, जो कच्चे माल के लिए दक्षिण बिहार और झारखंड पर निर्भर हैं, को इससे सीधा लाभ मिलेगा। बेहतर सड़क संपर्क से माल ढुलाई की लागत और समय में कमी आएगी, जिससे स्थानीय व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि क्षेत्र में रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास को भी गति मिलेगी। यह पुल बिहार के लिए एक नया विकास द्वार साबित होगा, जो राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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