February 24, 2025
National

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय का निधन, दिग्गजों ने जताया शोक

Prime Minister’s Economic Advisory Council Chairman Bibek Debroy passes away, veterans express grief

नई दिल्ली, 1 नवंबर। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय की आकस्मिक मौत हो गई है। वह 69 वर्ष के थे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दुख जताते हुए लिखा, “डॉ. बिबेक देबरॉय के निधन से देश ने एक प्रख्यात बुद्धिजीवी को खो दिया है, जिन्होंने नीति निर्माण से लेकर हमारे महान ग्रंथों के अनुवाद तक, विविध क्षेत्रों को समृद्ध किया। भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिदृश्य के बारे में उनकी समझ असाधारण थी। उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। मैं उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा, “डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक प्रखर विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों के माध्यम से, उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में भी आनंद आता था।”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस विद्वान की मौत पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय जी के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। देबरॉय जी अद्वितीय बहुमुखी प्रतिभा के धनी विद्वान थे, जिन्होंने अर्थशास्त्र, इतिहास और दर्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत की विकास यात्रा में उनके विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। इस दुख की घड़ी में मैं उनके शोक संतप्त परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उन्हें याद करते हुए लिखा, “मैं उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करती हूं। बिबेक देबरॉय ने प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में, नीति निर्माण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनकी रुचि प्राचीन ग्रंथ, वैदिक और शास्त्रीय संस्कृत, देवी और रेलवे जैसे विषयों में थी। वे संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद करने में बहुत कुशल थे जैसे हमारे महाकाव्य और पुराण। उनकी पुस्तक सरमा एंड हर चिल्ड्रन में हमारे प्राचीन ग्रंथों से कुछ अंश लिए गए थे जो अद्भुत है। बिबेक, आपको हम सभी के लिए अभी बहुत कुछ करना था! अलविदा! ओम शांति।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लिखा, “डॉ. बिबेक देबरॉय के निधन पर गहरा दुख हुआ। शासन और नीति निर्माण में उनका योगदान बहुत बड़ा था। साथ ही, उनकी असाधारण प्रतिभा का उपयोग हमारी संस्कृति, इतिहास और परंपराओं को कई पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए किया गया। एक समर्पित सुधारक, महान राष्ट्रवादी, एक विद्वान और एक अद्भुत मित्र को याद करते हुए। ओम शांति।”

भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “मेरे प्रिय मित्र बिबेक देबरॉय के निधन की खबर सुनकर बहुत दुःख हुआ। एक बेहतरीन अर्थशास्त्री, सज्जन व्यक्ति, मित्र, उन्होंने और मैंने 2010 में बीजेपी के विजन 2025 दस्तावेज़ से लेकर बहुत सी महत्वपूर्ण चीजों पर मिलकर काम किया। ओम शांति।”

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “डॉ. बिबेक देबरॉय ने भारत में नीतिगत चर्चा को समृद्ध बनाने में उल्लेखनीय योगदान दिया, लेकिन उससे भी बढ़कर वे भारत की संस्कृति और सभ्यता के प्रति बेहद भावुक थे और उन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हमारे महाकाव्यों को लोकप्रिय बनाने में बिताया। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति!

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