शिमला, 15 जून । निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य में तीन सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने एक-दूसरे पर हमले तीखे कर दिए हैं।
विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस सरकार भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रही है, जबकि भाजपा उपचुनाव के लिए कांग्रेस की कारगुजारी को जिम्मेदार ठहरा रही है।
हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि निर्दलीय विधायकों को सरकार प्रताड़ित कर रही थी, इसके चलते विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा विधायक के रूप में चुनकर आना स्वीकार किया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि निर्दलीय विधायकों को सरकार का समर्थन देने का दबाव बनाया जा रहा था, ऐसा न करने पर विधायकों और उनके परिवार को सरकार प्रताड़ित कर रही थी। अगर विधानसभा अध्यक्ष पहले ही इस्तीफे स्वीकार कर लेते तो लोकसभा चुनाव कर साथ ही उप चुनाव हो जाते, लेकिन सरकार को सत्ता से हाथ धोने का डर था। भाजपा तीनों सीटों को जीतेगी।
उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू सत्ता और अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं। प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर ठीक नहीं, सिरमौर में लापता कांस्टेबल अभी तक नहीं ढूंढा गया। मंडी जिले में पुलिस कस्टडी में आरोपी की मृत्यु हो जाती है और सीएम कुर्सी बचाने के लिए शिमला से दिल्ली और दिल्ली से शिमला के चक्कर लगा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि दिल्ली के जल संकट को लेकर हिमाचल सरकार को एग्रीमेंट का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। अगर हिमाचल के पास पानी की कमी है, तो सीएम को प्रभावी ढंग से अपना पक्ष रखना चाहिए। सीएम न अपना पक्ष रख रहे और न ही एग्रीमेंट के हिसाब से काम कर पा रहे हैं। उनको इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
वहीं जयराम ठाकुर ने सीपीएस मामले पर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी पर तंज कसते हुए कहा कि जगत नेगी कुछ भी बोलते हैं, इसलिए उनकी जग हसाई होती है। सीपीएस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी नियुक्तियों को असंवैधानिक ठहराया है, हमें उम्मीद है सुनवाई के बाद अब हिमाचल में भी न्याय होगा।
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