संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आज आरोप लगाया कि मौजूदा खरीद संकट कॉर्पोरेट समर्थक केंद्रीय बजट से उपजा है।
एसकेएम ने कहा कि केंद्रीय बजट का उद्देश्य स्पष्ट रूप से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करना है। केंद्र सरकार पर कृषि सब्सिडी में कटौती करने का आरोप लगाते हुए एसकेएम ने कहा कि केंद्र और उसकी कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों ने धान खरीद को पटरी से उतार दिया है।
यूनियन ने कहा कि केंद्र ने 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के बजट में खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में कटौती की है।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के आश्वासन के बावजूद खरीद और उठाव के मोर्चे पर बहुत कम प्रगति हुई है। एसकेएम ने दावा किया कि भारतीय खाद्य निगम गोदामों से पिछले सीजन का स्टॉक उठाने में विफल रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने केंद्रीय भंडारण निगम को खत्म कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप भंडारण सुविधाएं कम हो गई हैं। एफसीआई ने भी अपनी भंडारण सुविधाएं कॉरपोरेट्स को किराए पर दे दी हैं। एसकेएम की पंजाब इकाई कल लुधियाना में बैठक करेगी, जिसमें भविष्य की रणनीति पर फैसला लिया जाएगा।