October 13, 2025
National

‘प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा’, अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की ‘नो-एंट्री’ पर बोले मौलाना अरशद मदनी

‘Propaganda is being spread,’ Maulana Arshad Madani said on the ‘no-entry’ of women at the Afghan Foreign Minister’s press conference.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना अरशद मदनी ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की ‘नो-एंट्री’ के दावों को प्रोपेगेंडा करार दिया है। मदनी ने दावा किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की मनाही नहीं थी।

मौलाना अरशद मदनी ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के बाद मीडिया से बात की। महिलाओं से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि महिलाओं की तालीम को लेकर हमारी कोई बात नहीं हुई है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की ‘नो-एंट्री’ विवाद पर उन्होंने कहा, “यह बिल्कुल गलत है। यह प्रोपेगेंडा है। इत्तेफाक की बात है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल मर्द थे, औरतें नहीं थीं, लेकिन महिलाओं को आने के लिए मना नहीं किया गया था।”

आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख ने कहा, “अफगानिस्तान के साथ हमारे सदियों पुराने रिश्ते हैं। वहां से कई लोग यहां आए हैं और यहां से कई लोग वहां गए हैं।”

मौलाना मदनी ने कहा, “मैंने उनसे (आमिर खान मुत्ताकी) कहा कि जिस तरह आपने बड़ी ताकतों को हराकर अपना शासन स्थापित किया, वह आपने भारत से सीखा है और उन्होंने इससे इनकार नहीं किया। हमने उनका स्वागत किया और कहा कि आपको हमारा संदेश अपने साथ ले जाना चाहिए। मैंने उनसे कहा कि यह मुलाकात दर्शाती है कि भारत के मुसलमानों और दारुल उलूम देवबंद के आपके साथ कितने गहरे रिश्ते हैं।”

मौलाना अरशद मदनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैंने उनसे कहा कि आपसे हमारा रिश्ता सिर्फ अकादमिक ही नहीं, बल्कि भारत की आजादी से भी जुड़ा है। हमारे पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई के लिए अफगानिस्तान की धरती को चुना था। जब हमने ब्रिटेन को हराया था, तब आपने (अफगानिस्तान) हमसे यह सीखा था कि यह कैसे किया जाता है।”

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