August 11, 2025
Punjab

प्रकृति की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य: हरियाणा वन महोत्सव में सीएम सैनी

 हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा केवल सरकारी पहल नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। निरंतर विकास के बीच हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जीवन का आधार प्रकृति और वृक्ष हैं।

जलवायु परिवर्तन, अनियमित वर्षा और बढ़ते तापमान जैसी समस्याओं का समाधान बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण और उनके संरक्षण से ही संभव है, जो हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है। हरियाणा सरकार ने इस संबंध में महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिनमें विभिन्न अभियानों के तहत राज्य भर में 2.10 करोड़ पौधे लगाना शामिल है, जिन्हें सामूहिक प्रयासों से प्राप्त किया जाना है।

मुख्यमंत्री आज कुरुक्षेत्र जिले के स्योंसर में आयोजित 76वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले, उन्होंने सरस्वती वेटलैंड जलाशय, सरस्वती वनस्पति एवं जैव विविधता संरक्षण पार्क और सरस्वती जंगल सफारी का शिलान्यास किया।

उन्होंने ‘त्रिफला’ पुस्तिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधारोपण भी किया। समारोह के दौरान, उन्होंने हरियाणा वन्यजीव मानचित्र, कुरुक्षेत्र वन्यजीव मानचित्र और वन विभाग द्वारा तैयार की गई पाँच पुस्तकों का भी अनावरण किया।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि 76वां राज्य स्तरीय वन महोत्सव महज एक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति कृतज्ञता, जिम्मेदारी और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुखद भविष्य सुनिश्चित करने के संकल्प का प्रतीक है।

इस वर्ष के राज्य स्तरीय वन महोत्सव समारोहों की श्रृंखला में यह तीसरा आयोजन है। राज्य भर में ज़िला स्तर पर भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें स्थानीय लोगों और छात्रों की सक्रिय भागीदारी हो रही है।

उन्होंने कहा कि वन महोत्सव का अर्थ है वनों का उत्सव, प्रकृति के प्रति श्रद्धांजलि और हरियाली का विस्तार। यह हमें याद दिलाता है कि पेड़ केवल लकड़ी का स्रोत नहीं हैं, बल्कि जीवन का आधार हैं।

उन्होंने कहा कि जहाँ हम आधुनिकता की दौड़ में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं, वहीं वन महोत्सव हमें प्रकृति का दोहन न करके उसके साथ सह-अस्तित्व का पाठ पढ़ाने की याद दिलाता है। पेड़ों के महत्व को समझते हुए, सरकार ने कई वृक्षारोपण अभियान चलाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए कई योजनाएँ बनाई गई हैं।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी 5 जून, 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस पर दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में “एक पेड़ माँ के नाम” नामक एक अनोखे अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के पहले चरण में हरियाणा में 1.60 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन राज्य ने 1.87 करोड़ पौधे लगाकर लक्ष्य को पार कर लिया। इस वर्ष, 5 जून को “एक पेड़ माँ के नाम” का दूसरा चरण शुरू हुआ, जिसमें 2.10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया। अक्टूबर 2014 से अब तक राज्य में लगभग 18 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं।

सरकार ने शहरी वानिकी को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ भी शुरू की हैं ताकि शहरों में हरियाली बढ़ाई जा सके। इसके अलावा, पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।

वन विभाग को इस दिशा में और अधिक सक्रियता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। समाज को वनों और वन्यजीवों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए, कलेसर में जीप सफारी और बच्चों के लिए अध्ययन भ्रमण जैसी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।

दक्षिण हरियाणा में ‘हरित अरावली कार्य योजना’ भी शुरू की गई है। केंद्र और राज्य सरकारों की यह संयुक्त परियोजना हरियाणा सहित चार राज्यों की अरावली पहाड़ियों में लागू की जाएगी, जिसमें 29 जिले शामिल होंगे, जिनमें से पाँच हरियाणा में हैं।

राज्य सरकार ने 75 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए प्राण वायु देवता पेंशन योजना भी शुरू की है।

इस योजना के तहत, पेड़ों के रखरखाव के लिए प्रति पेड़ 3,000 रुपये की वार्षिक पेंशन दी जाती है। अब तक ऐसे 3,800 पेड़ों की देखभाल करने वालों के खातों में 1 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं।

औषधीय पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न जिलों में हर्बल पार्क विकसित किए गए हैं। मोरनी क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का औषधीय वन विकसित किया गया है। इसके अलावा, जिलों में ऑक्सी-वैन भी स्थापित की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों, नगर निकायों और सामाजिक संगठनों से वृक्षारोपण को एक जन आंदोलन बनाने की अपील की।

स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को पर्यावरण के मुद्दों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, उन्हें पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बच्चों को कम उम्र से ही प्रकृति से जोड़ा जाना चाहिए ताकि वे बड़े होकर इसके महत्व को समझें।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम सब मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण कर सकते हैं जहाँ प्रकृति और मानव सह-अस्तित्व में रहें, और जहाँ विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चलें। आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरा-भरा भविष्य छोड़ना हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 11 वर्षों में तेज़ी से प्रगति की है, लेकिन विपक्ष हमेशा सरकार के कार्यों की आलोचना करता रहता है। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि आज विपक्ष की भूमिका केवल कमियाँ निकालने तक ही सीमित रह गई है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिस पार्टी ने 55 साल तक देश पर राज किया और जनता की उम्मीदों पर खरा न उतरने पर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया, वो पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोष देती थी, लेकिन अब वो ‘वोट चोरी’ का नया एजेंडा लेकर आई है। कोई उन्हें बताए कि वोट चोरी नहीं हुए, बल्कि जनता ने उन्हें उनके गलत कामों की वजह से नकार दिया।

नायब सिंह सैनी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए हमारे वीर जवानों ने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। दुर्भाग्य से विपक्ष ने हमारे जवानों की बहादुरी पर भी सवाल उठाए, जो बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भारत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं और उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है।

इस अवसर पर सांसद श्री नवीन जिंदल ने कहा कि आज का दिन केवल पौधारोपण का दिन नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति, प्रकृति और पर्यटन को एक साथ जोड़ने का अवसर है। पेड़ न केवल हरियाली के प्रतीक हैं, बल्कि जीवन का आधार भी हैं। ये शुद्ध वायु प्रदान करते हैं, जल स्रोतों का संरक्षण करते हैं, जैव विविधता की रक्षा करते हैं और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को हरियाणा में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा उत्साहपूर्वक जनभागीदारी के साथ ज़ोरदार तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए, मुख्यमंत्री ने आज स्योंसर में सरस्वती वेटलैंड जलाशय, सरस्वती जैव विविधता संरक्षण पार्क और सरस्वती वन प्रकृति शिक्षा रिसॉर्ट का शिलान्यास किया। इनके पूरा होने पर यह क्षेत्र पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन के लिए एक आदर्श मॉडल बन जाएगा।

सांसद ने मुख्यमंत्री से इस क्षेत्र को वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में विकसित करने का आग्रह किया ताकि लोग यहाँ वन्य जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकें। उन्होंने युवाओं से पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने की अपील की और सभी नागरिकों को हर साल कम से कम पाँच पेड़ लगाने का संकल्प भी दिलाया।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री सुभाष सुधा, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री धूमन सिंह किरमच, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री भारत भूषण भारती सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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