हरियाणा मानवाधिकार आयोग (एचएचआरसी) के अध्यक्ष एवं पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने शुक्रवार को यमुनानगर जिला जेल का दौरा किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नियमों के अनुसार कैदियों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना जेल प्रशासन की जिम्मेदारी है और आयोग कैदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
निरीक्षण के दौरान आयोग के सदस्य कुलदीप जैन और दीप भाटिया न्यायमूर्ति बत्रा के साथ थे।
जगाधरी के विश्राम गृह में डिप्टी कमिश्नर पार्थ गुप्ता और पुलिस अधीक्षक सुरिंदर सिंह भोरिया ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। एचएचआरसी के प्रोटोकॉल, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी पुनीत अरोड़ा के अनुसार, अध्यक्ष ने जेल के विभिन्न खंडों, जिनमें पुरुष और महिला बैरक, रसोई, अस्पताल, कैंटीन, फैक्ट्री, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, मीटिंग रूम और वीसी रूम शामिल हैं, का व्यापक निरीक्षण किया।
उन्होंने समग्र व्यवस्था और साफ-सफाई पर संतोष व्यक्त किया। न्यायमूर्ति बत्रा ने महिला कैदियों से बातचीत की और उन्हें बिना किसी डर के बोलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हर हफ़्ते एक मनोचिकित्सक और एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की मुलाक़ात सुनिश्चित करें।
न्यायमूर्ति बत्रा ने महिला वार्ड में क्रेच सुविधा का भी निरीक्षण किया तथा दो वर्षीय बच्चे के पोषण एवं देखभाल के बारे में जानकारी ली। रसोईघर में अध्यक्ष ने कैदियों को परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता की जांच करने के लिए स्वयं भोजन चखा तथा वहां काम कर रहे कैदियों से बातचीत की।
उन्होंने जेल की फैक्ट्री इकाई में कैदियों द्वारा बनाए गए बेकरी उत्पादों, लकड़ी के फर्नीचर और अन्य वस्तुओं की सराहना की तथा इसे पुनर्वास की दिशा में एक सराहनीय कदम बताया। इसके बाद, अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों ने जेल परिसर में आम्रपाली आम का पौधा लगाया।
उन्होंने कैदियों को संबोधित किया और उन्हें उनके अधिकारों तथा तनाव मुक्त एवं आशावादी बने रहने के महत्व के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर जेल अधीक्षक विशाल छिब्बर, उप अधीक्षक भूपेंद्र सिंह, डीएसपी राजेश कुमार, डीआईपीआरओ मनोज कुमार, संयुक्त रजिस्ट्रार अरुण ठाकुर और अन्य जेल अधिकारी भी उपस्थित थे।