जिला परिषद सदस्य अपनी मांगों के समर्थन में यहां जिला परिषद कार्यालय के सामने तीन दिवसीय भूख हड़ताल पर हैं। शनिवार को तीसरे दिन उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए पकौड़े बनाए और बेचे।
शुक्रवार को परिषद सदस्य संजय बड़वासनिया ने सदस्य रविन्द्र इंदौरा, मनजीत, ब्लॉक समिति सदस्य विकास शर्मा व सदस्य प्रतिनिधि तकदीर के साथ मिलकर खून से पत्र लिखकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेजा जाएगा।
सदस्य राज्य में जिला परिषद और ब्लॉक समितियों को मजबूत करने की मांग कर रहे हैं। बड़वासनिया ने कहा कि परिषद सदस्य “विकलांग” हैं क्योंकि उनके पास विकास कार्यों के संबंध में कोई अधिकार नहीं है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को परेशान किया जाता है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि परिषद सदस्यों को एक करोड़ रुपये तथा ब्लॉक समिति सदस्यों को 50 लाख रुपये वार्षिक अनुदान दिया जाए ताकि वे विधायकों और सांसदों की तर्ज पर अपने क्षेत्रों में विकास कार्य करवा सकें।
उन्होंने जिला योजना समिति (डीपीसी) के गठन की भी मांग की, जो पहले से मौजूद थी, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इसका गठन नहीं किया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि सदस्यों को नगर निगमों की तर्ज पर मानदेय तथा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की तर्ज पर पेंशन दी जानी चाहिए।
उन्होंने सोनीपत ब्लॉक में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला पंचायत विभाग में जीएसटी घोटाला हुआ है और मनरेगा में भी काम मैनपावर की जगह मशीनों से कराया जा रहा है।