मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां नवनियुक्त वन मित्रों की पासिंग आउट परेड के अवसर पर उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा कि वनों की सुरक्षा एवं संवर्धन में लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है तथा अकेले वन मित्र इस कठिन कार्य को करने में असमर्थ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन संरक्षण वन कर्मियों के साथ-साथ सामुदायिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वन विभाग फील्ड स्टाफ की कमी से जूझ रहा है, जिससे वन संरक्षण में चुनौतियां आ रही हैं। वन मित्रों की नियुक्तियां योग्यता के आधार पर की गई हैं, जबकि महिलाओं ने इन पदों को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार भविष्य की नीतियां बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उनके करियर की रक्षा करेगी और उन्हें वनों के सच्चे संरक्षक के रूप में मान्यता देगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण और वन प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य न केवल बंजर और बिगड़े वन क्षेत्रों में फलदार वृक्ष लगाकर हरित आवरण को बढ़ाना है, बल्कि महिला एवं युवा समितियों तथा स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी सुनिश्चित करके स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और आय का सृजन भी करना है।
सुखू ने अपनी गृह पंचायतों अमलेहड़ और भावदन की दो महिला मंडलों को प्रमाण पत्र भी दिए, जो दो हेक्टेयर वन भूमि पर पौधारोपण करेंगी और पांच साल तक उसका रखरखाव सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने ‘हरित अपनाओ योजना’ का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत अंबुजा सीमेंट कंपनी 25 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण करेगी, जबकि अडानी फाउंडेशन और अल्ट्राटेक 10-10 हेक्टेयर भूमि को अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य निजी उद्यमों, कॉरपोरेट घरानों और गैर-सरकारी संगठनों को उनकी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत बंजर वन भूमि को अपनाने और वनरोपण कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
Leave feedback about this