N1Live Haryana पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से पूछा कि उन्हें अवमानना ​​का दोषी क्यों न ठहराया जाए?
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पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से पूछा कि उन्हें अवमानना ​​का दोषी क्यों न ठहराया जाए?

Punjab and Haryana High Court asked WFI President why he should not be held guilty of contempt?

चंडीगढ़, 21 अगस्त पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के ‘निलंबित अध्यक्ष’ संजय कुमार सिंह से पूछा है कि उन्हें अवमानना ​​का दोषी क्यों न ठहराया जाए। न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज ने यह निर्देश तब दिया जब उन्होंने पाया कि सिंह प्रथम दृष्टया पहले के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने के दोषी हैं।

न्यायमूर्ति भारद्वाज ने कहा, “डब्ल्यूएफआई के मामलों को संभालने के लिए तदर्थ समिति/प्रशासकों के निकाय/प्रशासक की नियुक्ति के मामले में आगे बढ़ने से पहले और यह देखते हुए कि प्रथम दृष्टया प्रतिवादी इस अदालत द्वारा पारित आदेश की जानबूझकर अवज्ञा का दोषी है, उसे पहले से तय तारीख – 28 अगस्त को अदालत में उपस्थित रहने और यह बताने का निर्देश दिया जाता है कि तत्काल आवेदन में की गई प्रार्थना को क्यों नहीं स्वीकार किया जाए और उसे अवमानना ​​का दोषी क्यों न ठहराया जाए।”

पीठ हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ द्वारा वकील नरेन्द्र सिंह के माध्यम से भारत संघ और अन्य प्रतिवादियों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान महासंघ के मामलों को संभालने के लिए तदर्थ समिति/प्रशासकों के निकाय/प्रशासक की नियुक्ति के लिए अनुरोध किया गया था।

बेंच के समक्ष पेश हुए नरेंद्र सिंह ने 24 अप्रैल के आदेश का हवाला दिया, जिसमें याचिकाकर्ता-एसोसिएशन द्वारा प्रायोजित खिलाड़ियों को वाराणसी में होने वाले फेडरेशन कप (सीनियर्स) में भाग लेने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता-एसोसिएशन द्वारा नामित खिलाड़ियों को आदेश के बावजूद भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई।

इस प्रकार, याचिकाकर्ता को पुनः न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होना पड़ा, ताकि याचिकाकर्ता-एसोसिएशन द्वारा चयनित खिलाड़ियों को आगामी अंडर-17 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए विश्व कुश्ती महासंघ द्वारा आयोजित चयन ट्रायल में भाग लेने की अनुमति दी जा सके।

न्यायालय का अवलोकन यह निर्देश तब आया जब उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विनोद एस भारद्वाज ने कहा कि डब्ल्यूएफआई के “निलंबित अध्यक्ष” संजय कुमार सिंह प्रथम दृष्टया पहले के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने के दोषी हैं।

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