लुधियाना, 15 सितंबर । पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध, किसानों के हितों के खिलाफ है। सीएम ने इस मनमाने फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में आयोजित किसान मेले के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”यह ‘विसंगत फैसला’ किसानों के साथ व्यापारियों की आर्थिक स्थिति को भी काफी नुकसान पहुंचाएगा।”
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने बासमती का न्यूनतम निर्यात मूल्य 1,200 रुपये प्रति टन तय किया है, जिससे फसल की घरेलू कीमत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। केंद्र सरकार को किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी प्रतिबंध हटाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कड़ी मेहनत करने वाले किसान पहले ही कृषि लागतों की बढ़ती कीमत और कम एमएसपी के कारण चौराहे पर हैं। पंजाब देश में सबसे ज्यादा बासमती चावल पैदा करता है। केंद्र के फैसले से किसानों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
एक तरफ राज्य सरकार किसानों को मूंग, बासमती और अन्य वैकल्पिक फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करके फसल विविधीकरण के लिए ठोस प्रयास कर रही है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार के ऐसे कदमों से उसे बड़ा झटका लग रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय किसान और राज्य विरोधी है। राज्य सरकार इस कदम का विरोध करेगी। इन प्रतिबंधों के मद्देनजर सरकार बासमती की फसल केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों को बेचने पर विचार कर रही है।
सीएम मान ने कहा कि किसानों ने देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। लेकिन, केंद्र सरकार के ऐसे कठोर कदम उनके हितों के खिलाफ हैं। सीएम ने अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) को रोकने के लिए केंद्र सरकार की भी आलोचना की।
सीएम ने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि राज्य ने पिछली सरकारों द्वारा की गई सभी अस्पष्टताओं को दूर कर दिया है, केंद्र ने अभी तक धन जारी नहीं किया है।
सीएम मान ने कहा कि उन्होंने खुद केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात की थी। सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया था कि ये धनराशि जल्द ही जारी की जाएगी, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ और केंद्र सरकार ने 3,622 करोड़ रुपये से अधिक के आरडीएफ को रोक दिया है।
सीएम ने कहा कि धान की पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने किसानों को 2,500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का विचार किया है।
उन्होंने कहा कि इन 2,500 रुपये में से 1,500 रुपये केंद्र सरकार और 1,000 रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जाने थे।
हालांकि, सीएम मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मांग पर सहमति जताने के बजाय बिना किसी तर्क के इसे खारिज कर दिया।