पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने किसानों को उनकी वास्तविक मांगें रखने का मौका भी नहीं दिया।
एक बयान में मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त किया कि ‘स्वघोषित’ वैश्विक नेता नरेन्द्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हस्तक्षेप करने को लेकर अधिक चिंतित हैं, लेकिन प्रधानमंत्री देश के खाद्यान्न उत्पादकों के प्रति उदासीन हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के किसानों की जायज मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है जो बेहद निंदनीय है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री देशवासियों के मुद्दों को हल करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप करके ‘वैश्विक नेता’ के रूप में उभरने के बारे में अधिक चिंतित हैं।
मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी को याद दिलाया कि जब देश खाद्यान्न उत्पादन के गंभीर संकट से जूझ रहा था, तब राज्य के मेहनती और दृढ़निश्चयी किसानों ने देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाया था। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों ने राष्ट्रीय खाद्य भंडार को भरने के लिए उपजाऊ मिट्टी और पानी के मामले में उपलब्ध एकमात्र प्राकृतिक संसाधनों का भी अत्यधिक दोहन किया।
हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों के अपार योगदान के बावजूद, केंद्र सरकार ने उनके प्रति पूरी तरह से शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा कि यह अजीब है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी से 200 किलोमीटर दूर बैठे किसानों से बात करने के लिए तैयार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को अपना अहंकारी रवैया छोड़कर आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत का रास्ता खोलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि केंद्र को किसानों से बातचीत करने के लिए किसी विशेष क्षण का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि किसानों को गले लगाना चाहिए और उनकी शिकायतों का निवारण करना चाहिए।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह समय की मांग है कि व्यापक जनहित में किसानों के मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान किया जाए।
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