कांग्रेस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान पर पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों को ‘‘छोड़ देने’’ का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने राज्य में राहत प्रयासों का नेतृत्व करने के बजाय ‘‘प्रचार’’ पाने के लिए तमिलनाडु में एक सरकारी योजना के शुभारंभ में भाग लेना चुना।
भाजपा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की भी आलोचना की है कि उन्होंने अपने गृह राज्य में बाढ़ के दौरान तमिलनाडु में “आतिथ्य का आनंद” लिया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ मान की नाश्ते पर हुई मुलाकात की भाजपा नेताओं ने कड़ी निंदा की। पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने मान पर “संकट में पंजाबियों को अकेला छोड़ने” का आरोप लगाया और उनकी अनुपस्थिति को लोगों के साथ “विश्वासघात” बताया।
उन्होंने आगे कहा, “ऐसा कौन सा नेता है जो मानवीय संकट के दौरान अपने लोगों को उनके हाल पर छोड़ देता है? यह सिर्फ़ लापरवाही नहीं, बल्कि कर्तव्य की पूर्ण उपेक्षा और आपराधिक गैरज़िम्मेदारी है।” बाजवा ने कहा कि गुरदासपुर, तरनतारन, कपूरथला, फिरोज़पुर, फाज़िल्का और होशियारपुर में संपत्ति और फसलों के “बड़े पैमाने पर विनाश” ने सैकड़ों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है – जहाँ रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के बढ़ते पानी ने पूरे गाँवों को जलमग्न कर दिया है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘पंजाब के लोगों को अपने हाथों से ही दरारों को भरने, अपने बचाव अभियान चलाने तथा भोजन और राहत की व्यवस्था करने के लिए छोड़ दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री दूसरे राज्य में फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं।’’
उन्होंने आप सरकार पर “लगातार बारिश के कारण बढ़ते जल स्तर के बारे में पड़ोसी हिमाचल प्रदेश से बार-बार मौसम संबंधी चेतावनियों और प्रारंभिक अलर्ट की अनदेखी” करके घोर प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया।