पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान की है। बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि पंजाब राज्य बिजली विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित नई दरों से जनता पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
विद्युत मंत्री ने स्पष्ट किया कि नये टैरिफ निर्णय के तहत किसी भी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए निर्धारित शुल्क में कोई वृद्धि नहीं होगी। इसके अलावा, घरेलू आपूर्ति (डीएस) और गैर-आवासीय आपूर्ति (एनआरएस) श्रेणियों के तहत उपभोक्ताओं के लिए मौजूदा तीन स्लैब को दो स्लैब में मिला दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए बिल भुगतान परेशानी मुक्त हो गया है।
घरेलू उपभोक्ताओं को राहत:
300 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को करीब 100 रुपए मिलेंगे। 2 किलोवाट तक के लोड के लिए 160 रु. आपको प्रति माह कम भुगतान करना होगा।
रु. 2 किलोवाट से अधिक तथा 7 किलोवाट तक के भार के लिए 90 रु. प्रति माह बिल कम आएगा।
एनआरएस उपयोगकर्ताओं को भी लाभ होगा।
20 किलोवाट तक के लोड वाले एनआरएस उपभोक्ताओं को 500 यूनिट तक की खपत पर 2 पैसे प्रति यूनिट की छूट दी गई है।
500 यूनिट तक खपत करने वाले एनआरएस उपभोक्ताओं को लगभग 250 रुपये का बिल दिया जाएगा। 110. यह प्रति माह कम होगा।
उद्योगों को भी राहत
विद्युत मंत्री ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी अनुकूल टैरिफ नीति अपनाई गई है तथा कोई सरचार्ज नहीं बढ़ाया गया है।
नये स्लैब और एकल बिन्दु आपूर्ति में राहत
आवासीय कॉलोनियों, बहुमंजिला आवासीय परिसरों और सहकारी समूह आवास सोसायटियों को एकल बिंदु आपूर्ति सुविधा प्रदान की गई है। इसके तहत:
निर्धारित शुल्क 140 रुपये प्रति किलोवाट घंटा से घटाकर 130 रुपये प्रति किलोवाट घंटा कर दिया गया है।
परिवर्तनीय शुल्क 6.96 रुपये प्रति किलोवाट घंटा से घटाकर 6.75 रुपये प्रति किलोवाट घंटा कर दिया गया है।
600 यूनिट मुफ्त बिजली योजना शुरू
बिजली मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की 600 यूनिट मुफ्त बिजली योजना पहले की तरह जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य के बिजली उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
इस निर्णय से न केवल आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को भी लाभ मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।