पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को कहा कि वह भारत-पाकिस्तान सीमा पर सरकारी जमीन पर खेती करने वाले किसानों को मालिकाना हक देने का मुद्दा मुख्यमंत्री भगवंत मान के समक्ष उठाएंगे।
मांग का समर्थन करते हुए कटारिया ने कहा कि वह इस समस्या का स्थायी समाधान करने का प्रयास करेंगे ताकि प्राकृतिक आपदा में नुकसान उठाने वाले किसानों को मुआवजा दिया जा सके। राज्यपाल ने बाढ़ प्रभावित गांवों के दौरे के दौरान यह बात कही।
उन्होंने एमईएस निरीक्षण बंगले में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की, जहां वे बाढ़ की स्थिति और जरूरतमंदों की मदद के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा करने के लिए कल रात पहुंचे थे। राज्यपाल ने हुसैनीवाला स्थित भारत-पाकिस्तान संयुक्त चेक पोस्ट का दौरा किया, जो पूरी तरह जलमग्न हो गया है तथा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले कई किसानों ने कटारिया को बताया कि वे पिछले कई दशकों से सरकारी जमीन पर खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले गिरदावरी (भूमि की खेती का रिकॉर्ड) उनके नाम पर थी, जिसे रद्द कर दिया गया और उनके नाम राजस्व रिकॉर्ड से हटा दिए गए, जिसके कारण वे मुआवजे से वंचित रह गए।
कई किसानों ने कहा कि उन्हें 2023 में भी ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ेगा लेकिन आज तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया।
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